स्वतंत्र समय, भोपाल
मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को सतपुड़ा भवन के सामने प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन केंद्रीय कर्मचारियों ( Employees ) के समान 7 प्रतिशत महंगाई भत्ता और पेंशनरों के लिए महंगाई राहत, पदोन्नति, 7वें वेतनमान के अनुसार वाहन एवं गृहभाड़ा भत्ता देने सहित कई मांगों को लेकर था।
Employees अध्यक्षों ने कहा ये विरोध सरकार की गलत नितियों के कारण
मोर्चा के सभी घटक संगठनों के कर्मचारी ( Employees ) प्रदर्शन में शामिल हुए। सभी संगठनों के अध्यक्षों ने एक स्वर में कहा कि यह विरोध सरकार की गलत नीतियों के कारण हो रहा है। पड़ोसी राज्यों ने दीपावली से पहले डीए और बोनस दे दिया है और मप्र में सरकार को कर्मचारियों की परवाह तक नहीं है। इस कारण कर्मचारियों को काली दीपावली मनाने को मजबूर होना पड़ रहा है। कर्मचारी नेताओं ने साफ कहा कि कर्मचारियों के साथ सरकार का यह बर्ताव बर्दाश्त करने लायक नहीं है। सरकार कर्मचारियों पर ध्यान नहीं देती है, तो यह लड़ाई आगे तक जाएगी। मोर्चा अध्यक्ष एमपी द्विवेदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के 7.30 लाख अधिकारियों-कर्मचारियों और 4.50 लाख पेंशनर को 11 माह से अटका महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दीपावली पर भी नहीं दी जा रही है। सरकार अन्य मांगों पर भी विचार नहीं कर रही है। हमने सार्वजनिक रूप से अपना विरोध दर्ज करा दिया है। अब भी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो प्रदेश में बड़ा आंदोलन होगा। मप्र लघु वेतन कर्मचारी संघ के प्रांत अध्यक्ष महेंद्र शर्मा ने कहा कि 45000 स्थाई कर्मियों को नियमित नहीं किया जा रहा है। 20,000 अंशकालीन कर्मचारियों को केवल 5000 रुपए में अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है। यह सरकार की गरीब कर्मचारियों के दमन की नीति है। आने वाले दिनों में मोर्चे की बैठक होगी, उसमें जो भी निर्णय लिया जाएगा उसके लिए हम सब तैयार हैं। सभा को कर्मचारी नेता उमाशंकर तिवारी, सतीश शर्मा, रमेश राठौर, अरुण वर्मा सहित अन्य ने संबोधित किया।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें…
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केंद्र के समान और केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता दिया जाए।
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वाहन भत्ता और गृहभाड़ा भत्ता में बढ़ोत्तरी की जाए।
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साढ़े आठ साल से बंद पदोन्नति शुरू की जाए।
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लिपिकों की वेतन विसंगति दूर की जाए, चतुर्थ श्रेणी को 1800 ग्रेड- पे दी जाए।
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अनुकंपा नियुक्ति में आए लिपिकों को सीपीसीटी करने के लिए समय दिया जाए।
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20,000 अंशकालीन कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया जाए।
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4.50 लाख पेंशनर्स को धारा 49 के कारण समय पर पेंशन का भुगतान एवं महंगाई भत्ता के एरियर्स का भुगतान नहीं हो पा रहा है, इसे खत्म किया जाए।