स्वतंत्र सयम, भोपाल
डीजीपी सुधीर सक्सेना को शनिवार को विदाई दी गई। एमपी पुलिस के वर्तमान मुखिया डीजीपी ( DGP ) सुधीर सक्सेना की विदाई परेड भोपाल में शनिवार को आयोजित की गई। शाम को नए डीजीपी कैलाश मकवाना ने पदभार ग्रहण कर लिया। शाम 4 बजे मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में हुई परेड में एमपी पुलिस इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया। इस दौरान डीजीपी की आईपीएस बेटी सोनाक्षी सक्सेना ने बतौर कमांडर पिता को सलामी दी। सोनाक्षी सक्सेना अभी भोपाल पुलिस में डीसीपी इंटेलिजेंस के रूप में काम कर रहीं हैं।
दो साल पहले बने थे DGP
प्रदेश के 30वें पुलिस महानिदेशक ( DGP ) सुधीर कुमार सक्सेना 87 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहे। पूर्व डीजीपी विवेक जौहरी के सेवानिवृत्त होने के बाद चार मार्च 2022 को उन्होंने यह पदभार ग्रहण किया था। उनके कार्यकाल के दौरान साइबर को लेकर राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार का आयोजन और नक्सल प्रभावित जिलों में पुलिस ने कार्रवाई की।
भव्य विदाई समारोह
डीजीपी का कार्यकाल 30 नवंबर 2024 को पूरा हुआ। उनकी सेवानिवृत्त को लेकर प्रदेश पुलिस की ओर से भव्य विदाई समारोह की तैयारियां की गई थीं। गार्ड ऑफ ऑनर के लिए पुलिस का अभ्यास एक सप्ताह पहले शुरू कर दिया गया था। जिसके बाद उन्हें भव्य परेड के साथ गार्ड ऑफ ऑनर की परेड की सलामी दी गई। सुधीर सक्सेना मूलत: ग्वालियर के रहने वाले हैं।
डीजीपी ने उपलब्धियां बताई
एमपी पुलिस देश में सर्वोत्तम है। हमारी पुलिस की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की देश में सराहना की गई। जेएमबी, सिमी, पीएफआई के मॉड्यूल को प्रदेश में ध्वस्थ किया गया। पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना ने चार मार्च 2022 को पदभार ग्रहण किया था। विदाई परेड के बाद डीजीपी सुधीर सक्सेना ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां बताई। ग्वालियर-
चंबल में बिना हिंसा चुनाव उपलब्धि
विधानसभा, लोकसभा, पंचायत, नगरीय निकाय और कई उपचुनाव को स्वतंत्र निष्पक्ष व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराना एक बहुत बड़ी चुनौती थी, जिसका आप सभी लोगों ने बहुत सफलतापूर्वक सामना किया। आपने जिस कुशलता से जिम्मेदारी का निर्वहन किया, उसकी चुनाव आयोग सहित सभी ओर सराहना की गई। ग्वालियर-चंबल जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में बिना किसी घटना के चुनाव हो जाना एक अत्यंत महत्वपूर्ण उपलब्धि रही। ढाई सालों में सबसे अधिक नक्सली ढेर पिछले ढाई वर्षों में पुलिस मुठभेड़ में कई इनामी नक्सलियों को धराशायी किया गया। इन पर 3 करोड़ रुपए से अधिक का इनाम था। यह पिछले 25 वर्ष में धराशायी किए गए नक्सलियों की कुल संख्या से अधिक है। पहली बार डिवीजनल कमेटी स्तर के नक्सलियों को ढेर किया। एके-47 जैसे हथियार बरामद किए गए। कई इनामी नक्सलियों को भी गिरफ्तार भी किया गया। 262 जवानों को पूर्व पदोन्नति दी गई। नक्सल प्रभावित जिलों में विशेष सहयोगी दस्तों का गठन किया गया।
एचयूटी के माड्यूल को ध्वस्त किया गया
मध्यप्रदेश एटीएस ने राष्ट्र विरोधी व आतंकवादी तत्वों के विरूद्ध अत्यंत ही प्रभावी कार्यवाही की। मार्च 2022 में भोपाल में जेएमबी के माड्यूल को ध्वस्त करना एक ऐसी जोखिम भरी कार्यवाही थी। मध्यप्रदेश पुलिस की कार्यवाही के आधार पर विभिन्न राज्यों में भी कार्यवाही हुई। इसके अतिरिक्त एचयूटी के माड्यूल को ध्वस्त करना, पीएफआई के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करना भी मध्यप्रदेश एटीएस की कार्य कुशलता का द्योतक रहा।
2 लाख से अधिक डिजिटल समंस तामील
इस वर्ष दंड के स्थान पर न्याय पर आधारित तीन नए कानूनों को लागू किया गया। मध्यप्रदेश पुलिस इन कानूनों को लागू करने में अग्रणी रही। लगभग 80 हजार लोगों को सफलतापूर्वक ट्रेनिंग दी गई तथा बिना किसी समस्या के आज पूरी मध्यप्रदेश पुलिस इन कानूनों का सफलतापूर्वक उपयोग कर रही है। अब तक लगभग 2 लाख से अधिक समंस डिजिटली तामील हो चुके हैं।