मध्य प्रदेश की सियासत, वंदे मातरम का विरोध करने वाले नेताओं की कांग्रेस ने जारी की लिस्ट, भाजपा पर साधा निशाना

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर ‘वंदे मातरम’ को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। इस बार कांग्रेस ने आक्रामक रुख अपनाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरने की कोशिश की है। प्रदेश कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक सूची जारी की है, जिसमें उन नेताओं और दलों का जिक्र है जिन्होंने अतीत में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ का विरोध किया था, लेकिन अब वे भाजपा के साथ हैं।

कांग्रेस द्वारा जारी की गई इस लिस्ट का मकसद भाजपा के राष्ट्रवाद के मुद्दे पर दोहरे मापदंड को उजागर करना है। पार्टी का आरोप है कि जो भाजपा राष्ट्रवाद की बात करती है, उसने सत्ता के लिए उन लोगों से हाथ मिला लिया है जिन्होंने कभी वंदे मातरम गाने से इनकार कर दिया था। इस कदम को आगामी चुनावों से पहले कांग्रेस की एक बड़ी रणनीतिक चाल माना जा रहा है।

कांग्रेस ने जारी की ‘विरोधियों’ की सूची

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्टर और लिस्ट शेयर की है। इसमें जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और अकाली दल के नेताओं का जिक्र प्रमुखता से किया गया है। कांग्रेस ने याद दिलाया है कि महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी ने किस तरह वंदे मातरम का विरोध किया था, लेकिन भाजपा ने उनके साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाई थी।

इसके अलावा, सूची में अकाली दल के सिमरनजीत सिंह मान का भी नाम शामिल है। कांग्रेस का कहना है कि सिमरनजीत सिंह मान ने भी संसद में वंदे मातरम का विरोध किया था, इसके बावजूद वे भाजपा के सहयोगी रहे हैं। कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि क्या सत्ता की खातिर भाजपा अपने मूल सिद्धांतों से समझौता कर रही है?

भाजपा के ‘राष्ट्रवाद’ पर सवाल

कांग्रेस प्रवक्ताओं का कहना है कि भाजपा अक्सर कांग्रेस पर राष्ट्रवाद को लेकर सवाल उठाती है, लेकिन हकीकत यह है कि भाजपा ने खुद ऐसे नेताओं को गले लगाया है जो भारत के राष्ट्रगीत का सम्मान नहीं करते। कांग्रेस ने इसे भाजपा का ‘छद्म राष्ट्रवाद’ करार दिया है। पार्टी का तर्क है कि भाजपा केवल चुनावी फायदे के लिए राष्ट्रवाद का इस्तेमाल करती है, जबकि असलियत में उसके लिए सत्ता ही सर्वोपरि है।

पुराना विवाद और नई राजनीति

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के समय भी वंदे मातरम गायन को लेकर विवाद हुआ था। तब मंत्रालय में महीने की पहली तारीख को होने वाले वंदे मातरम गायन की परंपरा में कुछ बदलाव किए गए थे, जिस पर भाजपा ने तीखा विरोध जताया था। अब कांग्रेस ने पलटवार करते हुए भाजपा के पुराने सहयोगियों का इतिहास खंगाल कर सामने रख दिया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस लिस्ट के जरिए कांग्रेस ने भाजपा को उसी के हथियार से घेरने की कोशिश की है। यह मुद्दा आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति में और गरमा सकता है, क्योंकि भाजपा की ओर से भी इस पर पलटवार की उम्मीद की जा रही है। फिलहाल, सोशल मीडिया पर यह लिस्ट चर्चा का विषय बनी हुई है।