स्वतंत्र समय, भोपाल
केंद्र सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूल-कालेजों में पड़ रहे अनुसूचित जाति (एससी) के छात्र-छात्राओं की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति ( Scholarship ) की सारी फाइलें राज्य शासन को वापस भेज दी हैं। उज्जैन पॉलीटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य की लापरवाही पूरे प्रदेश को महंगी साबित हुई है। इससे प्रदेश के तकनीकी, चिकित्सा व उच्च शिक्षा के कालेजों में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति (एससी) के छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप का पेमेंट भी रुक गया है।
सत्यापन के बाद ही Scholarship का पेमेंट होगा
प्राचार्य की इस लापरवाही को देखते हुए केंद्र ने सत्यापन की प्रक्रिया भी बदल डाली है। साथ ही सारे प्रकरण नए सिरे से सत्यापन कर दोबारा मांगे हैं। जब तक नए सिरे से सत्यापन नहीं हो जाता छात्रवृत्ति ( Scholarship ) का पेमेंट भी अटका रहेगा। पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति में ६० प्रतिशत हिस्सा केंद्र द्वारा दिया जाता है। केंद्र की आपत्ति के बाद प्रदेश के अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ने इस संबंध में स्कूल, तकनीकी, चिकित्सा, उच्च शिक्षा सहित शैक्षणिक संस्थान संचालित करने वाले दस विभागों के आयुक्त को पत्र लिखकर नए सिरे से छात्रवृत्ति प्रकरणों का सत्यापन करने को कहा है। मंत्रालय के आदेश पर सभी विभागों में अनुसूचित जाति वर्ग की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के सारी फाइलें फिर से खोली जाएंगी। अब इन छात्रवृत्ति के प्रकरणों का सत्यापन प्राचार्य अथवा नोडल अधिकारी द्वारा किया जाएगा। किसी भी प्रकरण में लापरवाही बरतने अथवा भुगतान में गड़बड़ी होने पर सत्यापन करने वाले नोडल अधिकारी ही जिम्मेदार माने जाएंगे।
इसलिए रोकी गई स्कॉलरशिप
उज्जैन पॉलीटेक्निक के प्राचार्य ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के मामलों में लापरवाही बरतते हुए न तो आवेदनों का परीक्षण कराया और फीस की राशि पर ही ध्यान दिया। अधिकांश मामलों में फीस कैपिंग भी गलत की गई है। बिना परीक्षण आंख मूंदकर सत्यापन करने से कई अपात्रों को स्कॉलरशिप दे दी गई। वहीं पात्रता से अधिक छात्रवृत्ति के भुगतान की स्थिति भी बन गई।
इन विभागों की अटकी छात्रवृत्ति
उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, जनसंपर्क, कृषि एवं कृषक कल्याण, पशुपालन एवं कुक्कुट विकास, एमपी टूरिज्म कार्पोरेशन एवं संस्कृति। विभागों ने जल्द से जल्द मांगी फाइलें: अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ने सभी विभागों को पत्र जारी कर केंद्र व राज्य शासन द्वारा की गई व्यवस्था पर अमल करते हुए प्राचार्य व नोडल अधिकारियों द्वारा नए सिरे से तत्काल सत्यापन करने के आदेश दिए हैं। ताकि जल्द से जल्द प्रकरण केंद्र शासन को भेजकर छात्रवृत्ति में केंद्रीय अंश मिल सके। सभी विभागों ने इस मामले में प्राचार्य, संस्था संचालकों व नोडल अधिकारी को पत्र भेजकर चेतावनी दी है कि अनियमित भुगतान की स्थिति में वे ही जिम्मेदार माने जाएंगे।
केंद्र में एमपी की छवि पर असर
उज्जैन पॉलीटेक्निक की इस लापरवाही से केंद्र में प्रदेश शासन की छवि भी खराब हुई है। केंद्र के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की सारी फाइलें राज्य शासन को लौटा दी हैं। साथ ही उचित अधिकारियों से ही आवेदनों के सत्यापन उपरांत भुगतान के लिए फाइलें भेजने के निर्देश दिए हैं।