भोपाल: मध्य प्रदेश में राज्यपाल के सरकारी आवास का नाम बदल दिया गया है। राजधानी भोपाल स्थित ‘राजभवन’ को अब ‘लोक भवन’ के नाम से जाना जाएगा। इस फैसले के बाद भवन पर नई नेमप्लेट भी लगा दी गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर इसकी आधिकारिक जानकारी दी।
यह निर्णय मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया। सरकार का मानना है कि ‘राज’ शब्द गुलामी और औपनिवेशिक शासन की याद दिलाता है, जो स्वतंत्र भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ मेल नहीं खाता।
मुख्यमंत्री ने X पर दी जानकारी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर इस बदलाव की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह कदम प्रदेश में ‘राज’ की जगह ‘लोक’ के शासन को स्थापित करने का प्रतीक है।
“प्रदेश में अब ‘राज’ नहीं, ‘लोक’ का शासन है। ‘राजभवन’ अब ‘लोकभवन’ के नाम से जाना जाएगा। हमारी सरकार जनता की, जनता के लिए और जनता द्वारा चुनी गई सरकार है। ‘राज’ शब्द औपनिवेशिक काल की याद दिलाता है। लोकतंत्र में सभी ‘लोक’ महत्वपूर्ण हैं।” — डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
लोकतंत्र और जन-केंद्रित शासन का संदेश
सरकार के अनुसार, ‘लोक’ शब्द सीधे तौर पर जनता से जुड़ता है और लोकतंत्र के मूल सिद्धांत का प्रतिनिधित्व करता है। इस नाम परिवर्तन का उद्देश्य शासन में जन-केंद्रित दृष्टिकोण को बढ़ावा देना और औपनिवेशिक प्रतीकों से दूरी बनाना है। यह कदम केंद्र और कई राज्य सरकारों द्वारा उठाए जा रहे उन प्रयासों का हिस्सा है, जिनके तहत औपनिवेशिक काल से चले आ रहे नामों और प्रतीकों को बदला जा रहा है।
राजभवन के मुख्य द्वार पर ‘लोक भवन’ की नई नेमप्लेट लगने के साथ ही यह बदलाव आधिकारिक रूप से लागू हो गया है। इस फैसले को प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण प्रतीकात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य शासन की छवि को अधिक लोकतांत्रिक बनाना है।