सांसद शंकर लालवानी बोले – 2030 तक इंदौर की जीडीपी डबल करने में युवाओं की भागीदारी होगी निर्णायक

प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट PIMR में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमे सांसद शंकर लालवानी ने युवाओ और देश के भविष्य को लकर कई बाते कही, उन्होंने कहा की इंदौर को 2030 तक आर्थिक रूप से दोगुना करने का सपना तभी साकार हो सकता है जब उसमें युवा सोच, इनोवेशन और भागीदारी शामिल हो। बता दे की यह कार्यक्रम Centre for Public Policy and Research ने ऑर्गनाइज किया था।

इस कार्यक्रम का विषय “How to Achieve Double Growth in Indore’s GDP by 2030” था। इस अवसर पर छात्रों, शिक्षकों और नीति विशेषज्ञों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।

सांसद शंकर लालवानी ने कहा:

“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व में भारत और मध्यप्रदेश तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। हम चाहते हैं कि इंदौर देश के सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले शहरों में शामिल हो, लेकिन यह लक्ष्य युवाओं की भागीदारी के बिना अधूरा रहेगा।”

साथ ही उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे इंदौर के विकास के लिए स्थानीय समाधानों पर रिसर्च करें और नीति-निर्माण में सक्रिय योगदान दें।

प्रख्यात अर्थशास्त्री श्री जयंतीलाल भंडारी ने कहा:

“यदि इंदौर की जीडीपी 2030 तक दोगुनी करनी है, तो हमें प्रोडक्टिविटी आधारित मॉडल अपनाना होगा। रोजगार सृजन, महिला भागीदारी, और MSME सशक्तिकरण जैसे तत्वों को नीति के केंद्र में लाना होगा। साथ ही, शिक्षा संस्थानों को लोकल इकोनॉमी से जोड़ने की ज़रूरत है।”

इस कार्यक्रम में छात्रों ने सांसद और विशेषज्ञों से बातचित करते हुए कई सवाल पुछे।

  • एक छात्र जीडीपी बढ़ाने में क्या योगदान दे सकता है?

स्किल डेवलपमेंट, रिसर्च और इनोवेशन के ज़रिए छात्र माइक्रो लेवल पर भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

  • ब्रेन ड्रेन कैसे रोका जाए?

इंदौर में बिज़नेस पार्क, स्टार्टअप इनक्यूबेशन ज़ोन और रिटर्निंग टैलेंट स्कीम जैसे मॉडल पर काम किया जा रहा है, ताकि बेहतरीन टैलेंट यहीं अवसर खोजे।

  • साइकोलॉजी स्टूडेंट्स कैसे योगदान दे सकते हैं

मानसिक स्वास्थ्य आज एक गंभीर विषय है। युवाओं की मानसिक स्थिति सुधारना भी सामाजिक उत्पादकता में बड़ा योगदान है।

  • AI और रिसर्च को लेकर सरकार क्या कर रही है?

सरकार AI को लेकर नई नीतियों पर काम कर रही है, ताकि सभी सेक्टर्स में टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन हो सके। AI बेस्ड ट्रेनिंग प्रोग्राम्स भी जल्द लागू होंगे।

  • इंदौर को किसी एक टेक फोकस — जैसे AI या फाइनेंस — की दिशा में कैसे ले जाएं?

इंदौर को सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट हब बनाने की दिशा में काम हो रहा है, जिससे टेक इंडस्ट्री को बूस्ट मिलेगा।

  • सरकारी नीतियों की जानकारी कैसे मिले?

छात्रों ने सुझाव दिया कि “Policy Namo” जैसे ऐप के ज़रिए युवाओं को केंद्र और राज्य की योजनाओं की सरल जानकारी दी जाए।

  • यदि कोई फैक्ट्री लगाना चाहे तो सरकार कैसे मदद कर सकती है?

सांसद ने बताया कि सरकार की सिंगल विंडो क्लियरेंस और मेक इन इंडिया इंसेंटिव स्कीम्स के तहत शुरुआती मदद, ज़मीन, बिजली और लोन तक की सुविधा मिल सकती है।

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने मिलकर यह संकल्प लिया कि इंदौर 2030 सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि एक्शन प्लान है।जिसे मिलकर, सोच और सहयोग से साकार किया जाएगा।