MP Tourism : इस शहर के जैन मंदिर में निसंतानों को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं मां, माता का है अद्भुत चमत्कार

MP Tourism: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश सुंदरता के मामले में जरा भी कम नहीं है। मप्र ये अपने भीतर कई नेचुरल चीजों को समाए हुए हैं। यहां पर दूर-दूर से टूरिस्ट घूमने के और छुट्टियां मनाने के लिए आते हैं। मध्यप्रदेश में बड़े-बड़े झरनों के साथ ही कई चर्चित हिल स्टेशन भी उपस्थित हैं जहां का नजारा एक बार में ही लोगों का मन मोह लेता है यहां पर हमेशा ही पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलती है।

ऐसे में अगर आप भी मध्यप्रदेश घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपको मध्यप्रदेश की उन लोकप्रिय जगहों के विषय में बताने जा रहे हैं। जिनके बिना आपका सफर इनकंप्लीट माना जा सकता हैं। वैसे तो मध्यप्रदेश में देखने के लिए काफी कुछ है। लेकिन आज हम आपको प्रदेश के कुछ ऐसे विश्व प्रसिद्ध हिल स्टेशन के विषय में बताने जा रहे हैं। जो एक ही बार में आपका दिल जीत लेंगे। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी मान्यता काफी ज्यादा है। ये एक जैन मंदिर है जो ग्वालियर में स्थित है। यहां माता की एक अद्भुत प्रतिमा स्थापित है जिसके दर्शन मात्र से ही हर समस्या दूर हो जाती हैं। इतना ही नहीं यहां के चमत्कार सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है।

ग्वालियर दुर्ग की तलहटी में उरवाई गेट से प्रवेश करते ही एक मंदिर मौजूद है। यहां एक निद्रासन मुद्रा में माता की प्रतिमा दिखाई देती है। यह प्रतिमा भगवान महावीर की माता त्रिशला की है। दूर-दूर से लोग इस मंदिर में माता के दर्शन के लिए आते हैं। यह मूर्ति आठवीं से 15वीं शताब्दी के मध्य की है। त्रिशला माता का ये मंदिर विश्व का इकलौता है।

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कहा जाता है कि दूर-दूर से भक्त यहां बच्चों के सुखे रोग को दूर करने के साथ ही अगर कोई निसंतान है तो वह संतान प्राप्ति के लिए माता के दर्शन करने आते हैं। कहा जाता है कि संतान प्राप्ति के लिए रविवार के दिन माता के दर्शन और पूजन किया जाए तो समस्या का निवारण हो जाता है। चलिए जानते हैं इस चमत्कारी मंदिर के इतिहास और मान्यता के बारे में –

संतान प्राप्ति के लिए रविवार के दिन माता के दर्शन करने के साथ उनकी पूजा करने से समस्या का निवारण हो जाता है। इस प्रकार का चमत्कार मंदिर में पहले भी देख चुके हैं। इसके अलावा अगर बच्चा हमेशा बीमार रहता है तो इस मंदिर में उस बच्चे को माता की प्रतिमा के समक्ष स्नान कराकर उनके कपड़ों को फेंक का रिवाज है। साथ ही नए कपड़े पहनाए जाते हैं। इससे बच्चा ठीक हो जाता है और उसकी सभी बीमारी खत्म हो जाती हैं।

खास बात ये है कि यहां 12 फीट लंबी प्रतिमा की छटा आकर्षक है। इस मंदिर में माता के दर्शन करने से बच्चों में होने वाला सूखा रोग ठीक हो जाता है। इतना ही नहीं मंदिर को लेकर प्रदीप कुमार का कहना है कि अगर कोई बच्चा सूखा रोग से पीड़ित है या फिर किसी मां का दूध नहीं उतरता, कोई निसंतान है या संतान संबंधी कोई समस्या है तो वह माता के दर्शन से ठीक हो जाती हैं।