MP Tourism : मध्य प्रदेश के इस शहर में है ऐरावत हाथी के वंशज का मस्तक, यहां का इतिहास है बेहद पुराना

MP Tourism : आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश सुंदरता के मामले में जरा भी कम नहीं है। मप्र ये अपने भीतर कई नेचुरल चीजों को समाए हुए हैं। यहां पर दूर-दूर से टूरिस्ट घूमने के और छुट्टियां मनाने के लिए आते हैं। मध्यप्रदेश में बड़े-बड़े झरनों के साथ ही कई चर्चित हिल स्टेशन भी उपस्थित हैं जहां का नजारा एक बार में ही लोगों का मन मोह लेता है यहां पर हमेशा ही पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलती है।

ऐसे में अगर आप भी मध्यप्रदेश घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपको मध्यप्रदेश की उन लोकप्रिय जगहों के विषय में बताने जा रहे हैं। जिनके बिना आपका सफर इनकंप्लीट माना जा सकता हैं। वैसे तो मध्यप्रदेश में देखने के लिए काफी कुछ है। लेकिन आज हम आपको प्रदेश के कुछ ऐसे विश्व प्रसिद्ध हिल स्टेशन के विषय में बताने जा रहे हैं। जो एक ही बार में आपका दिल जीत लेंगे। आज हम आपको जिस जगह के बारे में बताने जा रहे हैं वो एक म्यूजियम है जहां पर कई पुरातात्विक चीजों को संरक्षित कर रखा गया है।

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उज्जैन मध्य प्रदेश की धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी के नाम से प्रसिद्ध है। अपने धार्मिक, साहित्यिक और पुरातात्विक मान से विश्व पटल पर उज्जैन में कई बार अपना नाम अंकित किया है। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में भारत समेत विश्व भर के इतिहासकार और साहित्यकार प्राचीन कला से जुड़ी महान जानकारी से जुड़े विभिन्न आयोजनों में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं। इतिहास और पुरातात्विक धरोहर के रूप में उज्जैन बहुत ही अमूल्य है।

इस प्राचीन नगरी में हर तरफ अनेक जानकारियां मौजूद है। जिनमें से कुछ के बारे में लोगों को पता है लेकिन कुछ के संबंध में बहुत कम लोगों को जानकारी है। आज हम आपको यहां मौजूद एक ऐसी पुरातन चीज के बारे में जानकारी देते हैं, जो आपको हैरान कर देगी।

कांच में जिस हाथी के मस्तक को बड़े ही सहेज कर रखा गया है वह कोई साधारण सा मस्तक नहीं है। भगवान इंद्र के ऐरावत हाथी के संप्रदाय के एक हाथी का मस्तक है, जो लगभग 5 लाख वर्ष पुराना है। यह भारत के सबसे बड़े हाथी का मस्तक भी बताया जाता है। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर की देवाकचार नदी से 12 जून 1979 को यह खुदाई के समय मिला था, जिसके बाद इसे उज्जैन लाया गया।

विक्रम विश्वविद्यालय पुरातात्विक संग्रहालय में ना सिर्फ ये विशाल का हाथी का मस्तक मौजूद है बल्कि यहां पर लाखो वर्ष पुराने दरियाई घोड़े के दांत, गेंडे के सींग समेत 200 फॉसिल्स मौजूद है, जिन्हें बहुत सहेज कर रखा गया है।

उज्जैन की विक्रम यूनिवर्सिटी में एक पुरातत्व संग्रहालय बना हुआ है, जहां पर कई पौराणिक चीजों को सहेज कर रखा गया है। यहां पर एक बड़े से कांच के शोकेस में विशाल सा मस्तक सहेज कर रखा गया है, जो किसी को भी अचंभित कर सकता है। चलिए आपको हाथी के मस्तक के बारे में जानकारी देते हैं जो हैरान करने वाली है।