MP Tourism : आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश सुंदरता के मामले में जरा भी कम नहीं है। मप्र ये अपने भीतर कई नेचुरल चीजों को समाए हुए हैं। यहां पर दूर-दूर से टूरिस्ट घूमने के और छुट्टियां मनाने के लिए आते हैं। मध्यप्रदेश में बड़े-बड़े झरनों के साथ ही कई चर्चित हिल स्टेशन भी उपस्थित हैं जहां का नजारा एक बार में ही लोगों का मन मोह लेता है यहां पर हमेशा ही पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलती है।
ऐसे में अगर आप भी मध्यप्रदेश घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपको मध्यप्रदेश की उन लोकप्रिय जगहों के विषय में बताने जा रहे हैं। जिनके बिना आपका सफर इनकंप्लीट माना जा सकता हैं। वैसे तो मध्यप्रदेश में देखने के लिए काफी कुछ है। लेकिन आज हम आपको प्रदेश के कुछ ऐसे विश्व प्रसिद्ध हिल स्टेशन के विषय में बताने जा रहे हैं। जो एक ही बार में आपका दिल जीत लेंगे। आज हम आपको जिस जगह के बारे में बताने जा रहे हैं वहां की खासियत जानने के बाद आप हैरान हो जाएंगे क्योंकि यहां जो होता है उसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है।
मध्य प्रदेश के शाजापुर में एक ऐसा मंदिर स्थित है, जो अपनी खासियत की वजह से प्रदेश भर में पहचान रखता है। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन इस मंदिर में तेल या घी से नहीं बल्कि पानी से दीपक जलता है। गड़ियाघाट वाली माता जी के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में पिछले 5 सालों से एक ही ज्योत जलती चली आ रही है। इस महा ज्योत के जलने की सबसे बड़ी खासियत इसका पानी से प्रज्वलित होना है।
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इस मंदिर में बरसात के दिनों में दीपक नहीं जलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक कालीसिंध नदी के तट पर मौजूद है और बारिश में नदी का जलस्तर बढ़ने पर यह मंदिर डूब जाता है। जिस वजह से यहां दीपक नहीं जल पाता है। हालांकि, बारिश खत्म होते ही यहां फिर से दीप जला दिया जाता है जो अगली बरसात तक जलता रहता है।
माता के स्वप्न में दिए गए आदेश को मानते हुए पुजारी में सुबह उठने के बाद मंदिर के पास बहने वाली काली सिंध नदी का पानी दिया और दीपक की ज्योत जलाई। हैरानी तो तब हुई जब पानी का यह दीपक जलने लगा और देखते ही देखते बात ग्रामीणों में फैल गई और सभी हैरान हो गए कि आखिरकार ये कैसे हो रहा है और आखिर में सभी ने इसे माता का चमत्कार माना और ये जगह बहुत प्रसिद्ध हो गई।
इस मंदिर के पुजारी का कहना है कि ज्योत को जलाने के लिए किसी भी तरह के घी, तेल, ईधन, मोम का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। ये पूरी तरह से पानी से जलती है। पुजारी ने बताया कि पहले यहां पर तेल का ही दीपक जलता था लेकिन 5 साल पहले उन्हें स्वप्न में माता ने दर्शन दिए और पानी से दीपक जलाने को कहा। माता का आदेश मानते हुए पुजारी ने भी वही किया जो उन्होंने करने को कहा था।