MP Tourism: मध्य प्रदेश के इस शहर में मौजूद है माता काली का चमत्कारी मंदिर, मान्यता जानकर हो जाएंगे हैरान

MP Tourism : मध्यप्रदेश भारत के मध्य में स्थित शानदार पर्यटन स्थलों में से एक है। मध्य प्रदेश को भारत के दिल की धड़कन भी कहा जाता है। क्योंकि यहां के पर्यटन स्थल पर्यटकों का दिल चुरा लेते हैं। यहां पर प्रति वर्ष लाखों की संख्या में सैलानी प्रकृति की सुंदरता का दीदार करने आते हैं। भारत का सबसे कम आबादी वाला यह राज्य अपनी खूबसूरती से पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। ऐसे में यदि आप घूमने की योजना बना रहे हैं तो एक बार मध्य प्रदेश के इन शानदार पर्यटन स्थलों का दीदार अवश्य करें। आज हम आपको मध्यप्रदेश के ऐसे मंदिर के बारे में बताते हैं जो माता काली को समर्पित है और चमत्कारी माना जाता है।

मां गढ़कालिका का यह मंदिर तांत्रिकों की आस्था का केंद्र है और चमत्कारी माना जाता है। इस मंदिर की प्राचीनता के विषय में किसी को जानकारी नहीं है लेकिन इसे महाभारत काल का कहा जाता है और इसमें स्थापित की गई मूर्ति सतयुग काल की है। इसके बाद महाराजा हर्षवर्धन ने इसका जीर्णोद्धार करवाया था और स्टेट काल में ग्वालियर के महाराजा ने मंदिर का पुनर्निर्माण किया था।

यह मंदिर शक्तिपीठ में शामिल नहीं है लेकिन उज्जैन में हरसिद्धि शक्तिपीठ होने की वजह से इसका महत्व काफी माना जाता है। पुराणों में इस कथा का उल्लेख है कि उज्जैन के नदी के तट पर स्थित भैरव पर्वत पर माता सती के ओष्ठ गिरे थे। लिंग पुराण में दिए गए उल्लेख के मुताबिक विजय हासिल करने के बाद जब रामचंद्र जी अयोध्या वापस लौट रहे थे उस समय वह रुद्रसागर के तर्ज पर रुके थे। उस समय माता भोजन की खोज में निकली थी।

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यहां पर हनुमान जी दिखे और वह उनके पीछे पड़ गई। तभी बजरंगबली ने विशाल रूप धारण कर लिया और उन्हें देखकर माता आश्चर्य में आ गई और वहां से जल्दी जल्दी जाने लगी। उस समय उनका अंश वहां गिरा और वही जगह कालिका के नाम से विख्यात हुई। गढ़ नामक जगह पर होने के चलते काली माता के इस मंदिर का नाम गढ़कालिका पड़ा है। मंदिर के प्रवेश द्वार के आगे माता का वाहन सिंह बना हुआ है और आसपास दो धर्मशालाएं हैं और बीच में देवी मां की स्थापना की गई है। ई. स. 606 के लगभग सम्राट हर्षवर्धन ने यहां जीर्णोद्धार का कार्य करवाया था।

गढ़कालिका के मंदिर में दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और नवरात्रि के मौके पर यहां मेले का आयोजन किया जाता है। अलग-अलग मौके पर यहां विभिन्न तरह के धार्मिक आयोजन और यज्ञ, हवन आयोजित होते रहते हैं। ये जगह लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है और तांत्रिकों का सिद्ध स्थल भी है।