MP Tourism : इस जैन मंदिर में नींव ना मिलने से वैज्ञानिक भी हैरान, हवा में उड़कर आया है रहस्यमय मंदिर

MP Tourism : मध्यप्रदेश भारत के मध्य में स्थित शानदार पर्यटन स्थलों में से एक है। मध्य प्रदेश को भारत के दिल की धड़कन भी कहा जाता है। क्योंकि यहां के पर्यटन स्थल पर्यटकों का दिल चुरा लेते हैं। यहां पर प्रति वर्ष लाखों की संख्या में सैलानी प्रकृति की सुंदरता का दीदार करने आते हैं। भारत का सबसे कम आबादी वाला यह राज्य अपनी खूबसूरती से पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। ऐसे में यदि आप घूमने की योजना बना रहे हैं तो एक बार मध्य प्रदेश के इन शानदार पर्यटन स्थलों का दीदार अवश्य करें।

आज हम मध्यप्रदेश के ऐसे चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद खूबसूरत होने के साथ-साथ पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। यह मंदिर जैन समुदाय का है। इंदौर से कुछ ही किलोमीटर दूर पर स्थित ये मंदिर बनेडिया गांव में बनेडिया जी के नाम से मशहूर है। चलिए जानते हैं इस मंदिर की रहस्य्मयी कहानी और चमत्कार के बारे में –

कहा जाता है कि बनेडिया जी मंदिर में भक्तों की भीड़ अक्सर देखने को मिलती है। ये मंदिर भक्तों को आकर्षित करता है। देश ही नहीं विदेशों से भी यहां पर्यटक आते हैं। वहीं इस मंदिर के बारे में जानने में भी काफी ज्यादा उत्सुक रहते हैं। लोगों द्वारा बताया जाता है कि इस मंदिर को एक ऋषि अपने साथ ले जा रहे थे लेकिन तब अचानक वह इस मंदिर को साइड में रख कर तपस्या में लीन हो गए। उन्होंने शाम तक इस मंदिर को नहीं उठाया और वह उसी जगह तपस्या करते रहे।

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ऐसे में ये मंदिर उसी जगह पर स्थाई हो गया। यह भव्य मंदिर अष्टकोणीय है। इस मंदिर में एक भी खंबे नहीं है। खास बात ये है कि इस मंदिर में जैन समुदाय के पूजनीय भगवान अजीतनाथजी के मूर्ति स्थापित है। वहीं 6 से 8 फीट मोटी दीवारों से बना हुआ ये मंदिर बेहद ही चमत्कारी है।

इंदौर के करीब मौजूद बनेडिया जी मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि ये मंदिर अनोखे मंदिर में से एक है। इसके अपने कुछ रहस्य है। कहा जाता है कि इस मंदिर को किसी ने नहीं बनाया ये खुद उड़ कर आया है इसलिए इस मंदिर की नींव नहीं है। जब इस बात का पता लगाने के लिए इंजीनियर की टीम ने मंदिर की खुदाई की लेकिन यहां कोई परिणाम नहीं मिले।

जिससे टीम चौंक गई। ऐसे में जो बात गांव वालों ने टीम को बताई थी फिर वह उन्हें सच लगने लगी। क्योंकि इस मंदिर की नींव नहीं मिली। ऐसे में टीम के लोग सोच में पढ़ गए की मंदिर को बिना नींव के कैसे बनाया गया होगा। क्योंकि ये मंदिर बड़े क्षेत्र फल को कवर करते हुए खड़ा हुआ है।