MP Tourism: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश सुंदरता के मामले में जरा भी कम नहीं है। मप्र ये अपने भीतर कई नेचुरल चीजों को समाए हुए हैं। यहां पर दूर-दूर से टूरिस्ट घूमने के और छुट्टियां मनाने के लिए आते हैं। मध्यप्रदेश में बड़े-बड़े झरनों के साथ ही कई चर्चित हिल स्टेशन भी उपस्थित हैं जहां का नजारा एक बार में ही लोगों का मन मोह लेता है यहां पर हमेशा ही पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलती है।
ऐसे में अगर आप भी मध्यप्रदेश घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपको मध्यप्रदेश की उन लोकप्रिय जगहों के विषय में बताने जा रहे हैं। जिनके बिना आपका सफर इनकंप्लीट माना जा सकता हैं। वैसे तो मध्यप्रदेश में देखने के लिए काफी कुछ है। लेकिन आज हम आपको प्रदेश के कुछ ऐसे विश्व प्रसिद्ध हिल स्टेशन के विषय में बताने जा रहे हैं। जो एक ही बार में आपका दिल जीत लेंगे। अगर आप भी मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक धरोहरों का दीदार करना चाहते हैं और उसके इतिहास से वाकिफ होना चाहते हैं तो आप इस एक जगह पर घूमने के लिए जा सकते हैं।
आज हम आपको एमपी के भोपाल से करीब 58 किलोमीटर दूर 20 गुफाओं से मिलकर कर बनाई गई उदयगिरि गुफा के बारे में बताने जा रहे हैं। आप भोपाल से सिर्फ 90 मिनिट में यहां पहुंच सकते हैं। ये 20 गुप्त-युग और मठों से मिलाकर बनाई गई है। इस गुफा को एक चट्टानी पहाड़ी से उकेरा गया है। इसे जैन धर्म और बाकी हिंदू धर्म के लिए समर्पित माना जाता है।
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अगर आप मध्यप्रदेश घूमने आ रहे हैं तो आप उदयगिरि की गुफा देखने जरा जाए। यहां 5वीं गुफा है जो भगवान विष्णु की प्राचीन स्मारक प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है। ये जगह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। यह घूमने आने वालों के लिए बेहतरीन जगहों में से एक हैं। यहां का इतिहास और वास्तु कला लोगों को लुभाती है। 5वीं शताब्दी का स्मारक रॉक शेल्टर, पेट्रोग्लिफ्स, एपिग्राफ, किलेबंदी का घर है जो सभी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन हैं।
भोपाल घूमने आने का प्लान बना रहे हैं तो आप उदयगिरि गुफा घूमने जा सकते हैं। ये सुबह 9.00 से लेकर शाम तक 6.00 बजे तक खुली रहती है। आप यहां कभी भी आ सकते हैं। यहां अंदर जाने का कोई पैसा नहीं लगता है। प्रवेश शुल्क यहां नहीं लिया जाता है। इन गुफाओं के अलावा भी आसपास घूमने के लिए कई प्रसिद्ध पर्यटक स्थल मौजूद है जहाँ आप घूमने जा सकते है। आप घूमने के लिए भीमबेटका जो 68 किमी दूर स्थित है, भोपाल जो 47 किमी दूर स्थित है, और पचमढ़ी जो उदयगिरि गुफाओं, से 136 किमी दूर स्थित वहां जा सकते है।
उदयगिरि गुफा का निर्माण गुप्त नरेशों द्वारा 250 से 410 ईसवी के बीच करवाया गया। कहा जाता है कि गुफा छह में वैष्णव मंत्री के द्वारा एक अभिषेक किया गया। जिसके बाद संस्कृत शिलालेख में चंद्रगुप्त द्वितीय और वर्ष 82 का उल्लेख है। इसे उदयगिरी के चंद्रगुप्त शिलालेख के नाम से भी जाना जाता है। यहां बनी गुफाएं ऐतिहासिक घटनाओं, धार्मिक विश्वासों और भारतीय लिपि के विकास के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं। उदयगिरि की गुफाएँ 20 गुफाओं से मिलकर बनाया गया है। ये हिन्दू और जैन धर्म से संबंधित एक प्राचीन संरचना है। इन गुफाओं में भारत के कुछ प्राचीनतम हिन्दू मन्दिर और चित्र मौजूद हैं।