MP Tourism: एमपी के सलकनपुर मंदिर के दर्शन करने का ये है सही समय, जानें यहां का दिलचस्प इतिहास

MP Tourism: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश सुंदरता के मामले में जरा भी कम नहीं है। मप्र ये अपने भीतर कई नेचुरल चीजों को समाए हुए हैं। यहां पर दूर-दूर से टूरिस्ट घूमने के और छुट्टियां मनाने के लिए आते हैं। मध्यप्रदेश में बड़े-बड़े झरनों के साथ ही कई चर्चित हिल स्टेशन भी उपस्थित हैं जहां का नजारा एक बार में ही लोगों का मन मोह लेता है यहां पर हमेशा ही पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलती है।

ऐसे में अगर आप भी मध्यप्रदेश घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपको मध्यप्रदेश की उन लोकप्रिय जगहों के विषय में बताने जा रहे हैं। जिनके बिना आपका सफर इनकंप्लीट माना जा सकता हैं। वैसे तो मध्यप्रदेश में देखने के लिए काफी कुछ है। लेकिन आज हम आपको प्रदेश के कुछ ऐसे विश्व प्रसिद्ध हिल स्टेशन के विषय में बताने जा रहे हैं। जो एक ही बार में आपका दिल जीत लेंगे। इन्हीं में से एक है मध्यप्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित सलकनपुर मंदिर, जहां की मान्यता काफी ज्यादा है। यहां देशभर से श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं।

यह मंदिर प्राकृतिक की गोद में बसा हुआ है। ये सीहोर जिले के बिजासन माता को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यहां हर साल नवरात्रि के दौरान हजारों भक्तों का तांता देखने को मिलता है। इस मंदिर में बिजासन माता की एक आकर्षक मूर्ति है। इसके अलावा इस मंदिर में देवी लक्ष्मी, मां सरस्वती और भैरव देव का भी मंदिर है।

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इस मंदिर का इतिहास बहुत ही दिलचस्प हैं। कहा जाता है कि ये मंदिर 300 साल पुराना है। यहां का निर्माण कुछ बंजारों द्वारा करवाया गया था। ये बंजारे पशुओं का व्यापर करते थे। एक दिन वो सभी यहां रुके थे। तभी उनके पशू एकदम से गायब हो गए। जब वह उन्हें ढूंढ़ने निकले तो रस्ते में एक छोटी सी लड़की मिली।

बंजारों ने लड़की से कहा की हमारे पशू घूम गए है तो उसने कहा कि यहां माता के स्थान पर मनोकामना मांग सकते हैं। ऐसे में बंजारों ने जवाब देते हुए कहा कि हम नहीं जानते कि यहां पर माता का स्थान कहां पर है। तभी लड़की ने एक पत्थर फेंका और बंजारों को संकेत दिया। उसके बाद माता के दर्शन उन सभी को हुए। यहां माता की पूजा भी बंजारों ने की। उसके बाद उन्हें अपने गुमे हुए पशू मिल गए। मनोकामना पूरी होने के बाद बंजारों ने यहां पर मंदिर बनवाया था। तब से इस मंदिर की मान्यता काफी ज्यादा है। यहां मांगी गई हर मन्नत पूरी होती हैं।

मंदिर सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक खुला रहता है। ऐसे में आप कभी भी आ कर यहां दर्शन कर सकते हैं। ये मंदिर भक्तों के लिए खुला रहता हैं। आप यहां सीढ़ियां, रोपवे और वाहन से आ सकते हैं। यह मंदिर 1000 फीट की खड़ी पहाड़ी पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि बिजासन माता के इस मंदिर में जो भी भक्त मनोकामना मानता है वो कभी खाली नहीं जाती। यहां पहाड़ी के ऊपर बिजासन माता अपने दिव्य रूप में विराजमान है।