MP Tourism: 18वीं ईस्वी में हुआ था एमपी के इस चमत्कारी मंदिर का जीर्णोद्धार, बाबा बैजनाथ के नाम से जानें जाते है भोलेनाथ

MP Tourism: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश सुंदरता के मामले में जरा भी कम नहीं है। मप्र ये अपने भीतर कई नेचुरल चीजों को समाए हुए हैं। यहां पर दूर-दूर से टूरिस्ट घूमने के और छुट्टियां मनाने के लिए आते हैं। मध्यप्रदेश में बड़े-बड़े झरनों के साथ ही कई चर्चित हिल स्टेशन भी उपस्थित हैं जहां का नजारा एक बार में ही लोगों का मन मोह लेता है यहां पर हमेशा ही पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलती है।

ऐसे में अगर आप भी मध्यप्रदेश घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपको मध्यप्रदेश की उन लोकप्रिय जगहों के विषय में बताने जा रहे हैं। जिनके बिना आपका सफर इनकंप्लीट माना जा सकता हैं। वैसे तो मध्यप्रदेश में देखने के लिए काफी कुछ है। लेकिन आज हम आपको प्रदेश के कुछ ऐसे विश्व प्रसिद्ध हिल स्टेशन के विषय में बताने जा रहे हैं। जो एक ही बार में आपका दिल जीत लेंगे। इन दिनों मध्यप्रदेश पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है। यहां सबसे ज्यादा पर्यटक घूमने के लिए और एमपी को एक्स्प्लोर करने के लिए आ रहे हैं। आज हम आपको मध्यप्रदेश के आगर मालवा के प्रसिद्ध बाबा बैजनाथ मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। बैजनाथ मंदिर देश भर में प्रसिद्ध है। सन 1883 में इसका जीर्णोद्धार कर्नल मार्टिन द्वारा 15 हजार रूपये का चंदा इक्कठा कर के करवाया था।

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आगर मालवा के अद्भुत प्राचीन शिव मंदिर से कई चमत्कारी घटनाएं जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि यहां भगवान स्वयं वकील भक्तों का रूप धार के कोर्ट पहुंचे और केस जिताया था। इस मंदिर में महाशिवरात्रि के पर्व पर अगर बाबा बैजनाथ के दर्शन किए जाए तो काफी ज्यादा लाभ होता है। इस मंदिर को चमत्कारी माना जाता है। यहां के चमत्कार से लोग भी वाकिफ है। दूर-दूर से लोग यहां बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। अगर आप भी एमपी में घूमने के लिए आए हुए है तो एक बार जरूर बाबा बैजनाथ के दर्शन के लिए जाए।

बात करें यहां के इतिहास की तो जब भारत में ब्रिटिश शासन हुआ करता था उस वक्त अंग्रेजों ने अफगानिस्तान पर आक्रमण कर दिया था। इस युद्ध का संचालन आगर मालवा की ब्रिटिश छावनी के लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन ने किया था। ऐसे में कर्नल मार्टिन समय-समय पर युद्ध क्षेत्र में लड़ते और वहां के समाचार अपनी पत्नी को भेजा करते थे।

हालांकि ये युद्ध काफी लंबा चला और धीरे-धीरे कर्नल मार्टिन के संदेश आना भी रुक गए। ऐसे में उनकी पत्नी को चिंता सताने लगी कि कहीं कुछ अनर्थ ना हो जाए या फिर कोई मेरे पति को ना मार डाले। ऐसे में एक दिन वह अपने घर से घोड़े पर सवार होकर निकली और उस वक्त उन्हें किसी मंदिर से शंख व मंत्र ध्वनि की आवाज सुनाई दी।

जिससे वह आकर्षित हुई और मंदिर में पहुंच गई। यह मंदिर बाबा बैजनाथ महादेव का था। इस मंदिर में पूजा कर रहे पंडितों ने लेडी मार्टिन से पूछा कि क्या बात है। उस वक्त उन्होंने अपने मन की बात पंडित को बताई और फिर पंडित ने उन्हें सलाह दी कि बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर में 11 दिन तक ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।

ऐसे में उन्होंने मंदिर में अनुष्ठान आरंभ करवाया। अपने पति की रक्षा के लिए वह लड़ती रही उन्होंने महादेव से अपने पति कर्नल मार्टिन की रक्षा के लिए मन्नत भी मांगी। जिसके बाद वह युद्ध से सकुशल घर लौट आए। उसके बाद भी कर्नल मार्टिन की पत्नी ने शेखर बंद मंदिर बनवाने का निर्णय लिया।

हालांकि उससे पहले लेडी मार्टिन के पास एक लिफाफा आया यह उन्हें एक संदेशवाहक द्वारा दिया गया। जिसके बाद वह बेहद परेशान हो गई। उन्होंने डर के लिफाफे को खोला जिसमें कर्नल मार्टिन ने लिखा था हम युद्ध करते थे और तुम तक संदेश भी भेजते रहे। लेकिन अचानक पठानी सेना ने हमें घेर लिया। परिस्थिति काफी ज्यादा विकट हो गई थी। यहां प्राण बचाना कठिन था।

लेकिन एक बड़ी लंबी जटाओं वाले बाबा ने युद्ध मैदान में आकर सभी को डराया। उनके हाथ में त्रिशूल था। उन्हें देख पठानी सेना भागने लगी। जिसके बाद हमारी एकाएक जीत हो है। आपको बता दे, इस जीत के बाद जब कर्नल अपने घर लौटे तो उनकी पत्नी ने मंदिर बनवाने की इच्छा जाहिर की जिसके बाद कर्नल मार्टिन ने बैजनाथ महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। तब से ही यह मंदिर काफी ज्यादा प्रसिद्ध है।