MP Tourism: मध्यप्रदेश का यह मंदिर है बेहद ख़ास, यहां आज भी चौसर खेलते है भगवान शिव और माता पार्वती, जानिए पूरा रहस्य

MP Tourism : मध्यप्रदेश भारत के मध्य में स्थित शानदार पर्यटन स्थलों में से एक है। मध्य प्रदेश को भारत के दिल की धड़कन भी कहा जाता है। क्योंकि यहां के पर्यटन स्थल पर्यटकों का दिल चुरा लेते हैं। यहां पर प्रति वर्ष लाखों की संख्या में सैलानी प्रकृति की सुंदरता का दीदार करने आते हैं। भारत का सबसे कम आबादी वाला यह राज्य अपनी खूबसूरती से पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। ऐसे में यदि आप घूमने की योजना बना रहे हैं तो एक बार मध्य प्रदेश के इन शानदार पर्यटन स्थलों का दीदार अवश्य करें। आज हम आपको एक भोपाल के कुछ बेस्ट टूरिस्ट स्पॉट के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

यदि आप मध्यप्रदेश घूमने निकले हैं और आपने ओमकारेश्वर में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं किए तो फिर आपने क्या घुमा। ओमकारेश्वर में आपको नर्मदा मैया के अलावा कई प्राचीन मंदिर देखने को मिल जाएंगे जहां पर हमेशा श्रद्धालुओं का ताता लगा हुआ रहता है दूर-दूर से लोग यहां पर आस्था श्रद्धा के साथ में ज्योतिर्लिंग दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। आपको ओमकारेश्वर में कावेरी और नर्मदा नदी का संगम देखने को मिलता है।

इस मंदिर में एक बड़ा रहस्य छूपा हुआ है। दरअसल, प्राचीन काल से ऐसी मान्यता है कि, भगवान शिव आज भी यहां माता पार्वती के साथ रात्रि विश्राम करने आते हैं। इस दौरान वो चौसर भी खेलते हैं। इसलिए मंदिर में सांयकाल संजा आरती के बाद चौपड़ बिछाई जाती है जो कि सुबह में बिखरे मिलते हैं। यहां का रहस्य यह कि है रात्रि के समय एक परिंदा भी पर नहीं मार पाता है। यह रहस्य इस मंदिर को खास विषेशता मानी जाती है। इसलिए शाम की आरती करने के बाद उनके शयनकक्ष को साफ-सुथरा कर दिया जाता है। जिसके बाद वहां किसी का भी जाना वर्जित होता है।

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धार्मिक विश्वास के अनुसार, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के अभिवादन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यहां प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और अपने जीवन के अलग-अलग कार्यों की सफलता के लिए उनसे आशीर्वाद प्रार्थना करते हैं। इस मंदिर को देखने के लिए हर साल लाखों टूरिस्ट यहां आते हैं और इस मंदिर का दर्शन करने से उन्हें आशीर्वाद और शांति की अनुभूति होती है। स स्थान पर स्नान करने से मनुष्य के पाप नष्ट होते हैं और उन्हें शिवलोक की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, यहां पर मां नर्मदा की धारा से निकले जल को पीने से भी लोगों को बहुत शुभ फल मिलते हैं। इसी कारण से ओंकारेश्वर मंदिर एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल माना जाता है।

आप सालभर में कभी भी यहां घूमने के लिए आ सकते हैं। वहीं सबसे अच्छा समय जुलाई से अप्रैल तक का माना जाता हैं। इस बीच हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। दशहरा के त्यौहारों के दौरान शहर बहुत आकर्षक होता है। आप इंदौर से यहां किसी भी वाहन, बस, टू व्हीलर से आए सकते हैं। यहां का रास्ता काफी आसान है। आप ट्रैन से भी यहां आ सकते हैं।

ओंकारेश्वर का नाम ओमकारा से लिया गया है। ये शिव जी का ही नाम है। ये 12 ज्योतिर्लिंग में से एक हैं। इसे काफी ज्यादा चमत्कारी माना गया है। हर साल हजारों भक्तों द्वारा यहां भगवान के दर्शन किए जाते हैं। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के आसपास पूरा क्षेत्र पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहां का प्राकृतिक नजारा लोगों का दी जीत लेता हैं।