MP Tourism: खजुराहो के मंदिरों का इतिहास जानकर हो जाएंगे हैरान, यहां कामुक मूर्तियां और वास्तुकला है आकर्षण का केंद्र

MP Tourism: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश सुंदरता के मामले में जरा भी कम नहीं है। मप्र ये अपने भीतर कई नेचुरल चीजों को समाए हुए हैं। यहां पर दूर-दूर से टूरिस्ट घूमने के और छुट्टियां मनाने के लिए आते हैं। मध्यप्रदेश में बड़े-बड़े झरनों के साथ ही कई चर्चित हिल स्टेशन भी उपस्थित हैं जहां का नजारा एक बार में ही लोगों का मन मोह लेता है यहां पर हमेशा ही पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलती है।

ऐसे में अगर आप भी मध्यप्रदेश घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपको मध्यप्रदेश की उन लोकप्रिय जगहों के विषय में बताने जा रहे हैं। जिनके बिना आपका सफर इनकंप्लीट माना जा सकता हैं। वैसे तो मध्यप्रदेश में देखने के लिए काफी कुछ है। लेकिन आज हम आपको प्रदेश के कुछ ऐसे विश्व प्रसिद्ध हिल स्टेशन के विषय में बताने जा रहे हैं। जो एक ही बार में आपका दिल जीत लेंगे। मध्‍यप्रदेश के बुंदेलखंड में स्थित खजुराहो देशभर में प्रसिद्ध है।

आपको बता दें, यहां बनाए गए मंदिरों को खुदाई करके बलुआ पत्थर से तैयार किया गया है। साथ ही यहां की मूर्तियां भी बलुआ पत्थर से बनाई गई है। आप सभी ने खजुराहो के बारे में तो सुना ही होगा। क्योंकि यहां बनी हुई मूर्तियां सारी दुनिया में विख्यात है। दरअसल अनूठी और जुनून से भरी यह मूर्तियां देखने में काफी ज्यादा आकर्षित है।

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खजुराहो के मंदिरों में बनी कला और मूर्तियां जीवन के उत्‍सव पर आधारित हैं। मूर्तियों की नक्‍काशी में जीवन की भव्‍यता, मनुष्‍य की रचनात्‍मकता और खुशियों को दर्शाते हुए बनाई गई है। यहां की वास्‍तुकला देख आप का दिल खुश हो जाएगा। दरअसल, मंदिर में कामुक मूर्तियां बनाई गई है। जो हिंदूओं के कामदेव देवता को समर्पित है। खजुराहो के इन मंदिरों को भारत के सात आश्‍चर्यो में से भी गिना जाता है।

अगर आप खजुराहो घूमने के लिए जा रहे हैं तो यहां पर आपको 64 योगिनी, जावेरी, देवी जगदंबा, विश्वनाथ, केंद्रीय महादेव, लक्ष्मण मंदिर और अन्य कई मंदिर घूमने का मौका मिलेगा। इतना ही नहीं खजुराहो का नृत्य महोत्सव आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र है। जो 25 फरवरी से 2 मार्च तक चलता है। इस दौरान सबसे ज्यादा पर्यटक इसमें हिस्सा लेने के लिए दुनिया भर से आते हैं।

खजुराहो मंदिरों को 950 – 1050 ई. के बीच मध्‍य भारत पर शासन करने वाले चंदेल वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था। खजुराहों में कुल 85 मंदिरों बना कर तैयार किए गए थे लेकिन अब सिर्फ 22 ही बचे थे। यहां बनाए गए मंदिर कामुकता से भरे हुए है। 1986 में खजुराहो की धरती को यूनेस्‍को द्वारा विश्‍व विरासत स्‍थल घोषित कर दिया गया था।