MP weather : मध्यप्रदेश के इन जिलों में बरसेंगे मेघ, अगले तीन दिन तक होगी झमाझम बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

MP weather : मध्य प्रदेश में हाल के दिनों में मौसम स्थिर होता हुआ दिखाई दे रहा है। गुरुवार को रीवा, सतना, सिंगरौली, डिंडोरी, बालाघाट, मऊगंज, सिवनी, अनूपपुर, और मैहर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हुई, जबकि बाकी जगहों पर केवल हल्की फुहारें देखी गईं। आने वाले तीन से चार दिनों में राज्य में भारी बारिश की कोई बड़ी चेतावनी नहीं है। हालांकि, आज बालाघाट और डिंडोरी जिलों में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है, जबकि अन्य जिलों में कहीं-कहीं हल्की बौछारें हो सकती हैं। इस प्रकार, बारिश की तीव्रता धीरे-धीरे कम हो रही है, और लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन कुछ जिलों में अभी भी सतर्क रहने की आवश्यकता है।

भोपाल में अब बारिश से काफी हद तक राहत की उम्मीद जताई जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार, शहर के विभिन्न क्षेत्रों जैसे बैरसिया, नवीनबाग, अरेरा हिल्स, बैरागढ़, नरेला और कोलार में कहीं-कहीं धूप देखने को मिल सकती है, जबकि कुछ जगहों पर हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है। राजधानी के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश की कोई संभावना नहीं है, जिससे लोगों को कुछ राहत मिल सकती है।

मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 1 जून से 5 सितंबर 2024 तक मध्य प्रदेश में औसतन 904.9 मिमी बारिश हो चुकी है। यह मात्रा सामान्य औसत 823.9 मिमी से लगभग 10 मिमी अधिक है, जो राज्य में सामान्य से अधिक वर्षा को दर्शाती है। हालांकि, बारिश की तीव्रता और वितरण अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न रही है, जिससे कुछ क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बनी, जबकि अन्य क्षेत्रों में मौसम अपेक्षाकृत शांत रहा।

इस रिपोर्ट के अनुसार, बारिश की यह स्थिति राज्य के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे कृषि और जल संसाधनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, लेकिन कुछ जगहों पर जलभराव और बाढ़ जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। मध्य प्रदेश में इस वर्ष अब तक सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश के 29 जिलों में औसत से अधिक वर्षा हुई है, जबकि 13 जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है।

मंडला जिले में सबसे अधिक 1208.1 मिमी वर्षा हुई है, जो सामान्य से 16 मिमी अधिक है। वहीं, भोपाल में अब तक 1096.5 मिमी बारिश हुई है, जो कि सामान्य औसत से 31 मिमी अधिक है। शेष जिलों में बारिश के पैटर्न में ज्यादा बदलाव नहीं देखा गया है। मध्य प्रदेश के इंदौर, रीवा, और उज्जैन सहित लगभग 13 जिलों में इस साल सामान्य औसत से कम बारिश दर्ज की गई है। पिछले 33 घंटों में सबसे ज्यादा वर्षा बालाघाट के मलंजखंड में 75.4 मिमी दर्ज की गई, जबकि भोपाल में 21 मिमी बारिश हुई।

तापमान की बात करें तो, सबसे अधिक तापमान पृथ्वीपुर, निवाड़ी में 37°C रिकॉर्ड किया गया है, जबकि सबसे कम तापमान मलंजखंड, बालाघाट में 20.3°C दर्ज किया गया है। इससे जाहिर होता है कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम के मिजाज में काफी विविधता है। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, तटीय आंध्र प्रदेश और बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के कारण कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जो अगले दो दिनों में उत्तर की ओर बढ़ सकता है। मानसून ट्रफ सूरतगढ़, रोहतक, उरई और मंडला से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैली है। इससे अगले कुछ दिनों में मध्य प्रदेश में बारिश का असर धीरे-धीरे कम हो सकता है।