MP Weather: मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, मध्य प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र में अगले चार दिनों तक बारिश और गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। गुरुवार को इस क्षेत्र में मौसम में काफी बदलाव देखा गया। दिन और रात के तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई, जहां अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य के बराबर था। वहीं, न्यूनतम तापमान 20.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो औसत से 2 डिग्री कम रहा। यह बदलाव मौसम में आने वाले अस्थिरता और आगामी बारिश के संकेत हैं। इस दौरान बारिश के साथ-साथ हल्की हवाएं और आकाशीय बिजली गिरने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं, जिससे दक्षिणी मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में ठंडक बढ़ सकती है।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इंदौर और आसपास के क्षेत्रों में सुबह के समय धुंध छाई रही, जो मौसम में हल्की ठंडक का संकेत है। अरब सागर के ऊपर बना मौसमीय सिस्टम अब कमजोर पड़ चुका है, जिससे इंदौर में बारिश से फिलहाल राहत मिल गई है। इसके अलावा, पश्चिमी विक्षोभ जो आमतौर पर तापमान को प्रभावित करते हैं और ठंडी हवाओं का कारण बनते हैं, अब समाप्त हो चुके हैं। इस कारण से आगे आने वाले दिनों में रातें और ठंडी हो सकती हैं, जिससे तापमान में और गिरावट की संभावना है। यह बदलाव मौसम के शांत होने और शुष्कता की ओर इशारा करता है, जबकि सुबह और रात के समय ठंडक बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।
पिछले एक दशक में, मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में ठंड की शुरुआत आमतौर पर 15 अक्टूबर के बाद से देखी जाती थी। इन दिनों, सुबह के समय धूप खिली रहती है, जो दिन के समय हल्की गर्मी का एहसास कराती है। हालांकि, शाम ढलने के बाद तापमान में तेजी से गिरावट आने लगती है, और रात के करीब 9 बजे के आसपास ठंड का अहसास होने लगता है। इस सप्ताह शहर में आधे इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई, जिससे वातावरण में नमी आई थी, लेकिन अब फिलहाल आसमान साफ है। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में दिन के समय धूप रहने के बावजूद रात के तापमान में गिरावट और ठंडक बढ़ने की संभावना है, जो ठंड के मौसम की शुरुआत का संकेत दे सकती है।
मौसम विभाग ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण 19-20 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश का पूर्वानुमान लगाया है। इसके बाद 21 अक्टूबर से एक और सिस्टम सक्रिय होने की उम्मीद है, जिससे बारिश की संभावना बढ़ जाएगी, लेकिन इसका प्रभाव मालवा क्षेत्र पर अपेक्षाकृत कम रहेगा।गुरुवार को खरगोन जिले में सुबह के समय घने कोहरे के कारण दृश्यता लगभग 20 मीटर तक गिर गई थी। इस स्थिति के कारण वाहन चालकों को अपनी हेडलाइटें जलानी पड़ीं, जिससे यातायात में सतर्कता बढ़ानी पड़ी। शहरी क्षेत्रों में कोहरे का असर कम देखा गया, लेकिन ग्रामीण इलाकों में इसका खासा प्रभाव रहा, जिससे यातायात और जनजीवन प्रभावित हुआ।
किसानों और कृषि अधिकारियों का मानना है कि कोहरे की शुरुआत के साथ ही मानसून के पूरी तरह से विदा होने के संकेत मिल रहे हैं। यह संकेत इस बात की ओर इशारा करता है कि अब ठंड का मौसम शुरू हो सकता है। इस वर्ष जिले में बारिश के आंकड़े काफी प्रभावशाली रहे हैं, जहां 36 इंच बारिश दर्ज की गई है, जो कि सामान्य औसत 28 इंच से 128% अधिक है।
बारिश की इस वृद्धि ने कृषि क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव डाला है, जिससे फसलों की पैदावार बेहतर होने की संभावना है। हालांकि, अब मानसून के समाप्त होने के साथ ही, किसानों को रबी की फसलों की तैयारी के लिए मौसम के बदलते स्वरूप का ध्यान रखना होगा, खासकर ठंड और कोहरे के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए।