मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में इस समय अलग-अलग सक्रिय मौसम प्रणालियों का असर देखने को मिल रहा है। राज्य के कई जिलों में रुक-रुककर हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक उमरिया में सबसे ज्यादा 15 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं, रीवा में 9 मिमी, भोपाल में 6 मिमी, सतना में 4 मिमी, जबकि बैतूल और दतिया में 3-3 मिमी बारिश हुई। सीधी में भी एक मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। तापमान की बात करें तो प्रदेश में सबसे अधिक 34 डिग्री सेल्सियस पारा श्योपुर में दर्ज हुआ, जिससे मौसम में हल्की उमस भी महसूस की गई।
रविवार को भी बनी रहेगी बारिश की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश के आसार बने रहेंगे। रीवा, शहडोल, जबलपुर, भोपाल, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा देखने को मिल सकती है। हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अब मानसून धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगा है और लगभग एक सप्ताह बाद इसके लौटने की संभावना बन रही है।
वर्तमान मौसम प्रणालियां और उनका असर
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी पी.के. रायकवार ने जानकारी दी कि इस समय एक गहरा कम दबाव का क्षेत्र उत्तरी छत्तीसगढ़, पश्चिमी झारखंड, दक्षिणी बिहार और दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश के आसपास सक्रिय है। यह प्रणाली रविवार तक बिहार की ओर खिसक जाएगी। इस कम दबाव वाले क्षेत्र से लेकर विदर्भ तक एक द्रोणिका (ट्रफ लाइन) बनी हुई है, जो बारिश का कारण बन रही है। दूसरी ओर, अरब सागर में बना गहरा अवदाब अब चक्रवाती तूफान “शक्ति” में तब्दील हो गया है और यह पश्चिम-मध्य अरब सागर की ओर बढ़ रहा है। इन दोनों प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव से प्रदेश के कई इलाकों में बारिश हो रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि यह स्थिति अगले तीन से चार दिन तक बनी रह सकती है, उसके बाद आसमान धीरे-धीरे साफ होना शुरू होगा।
कब साफ होगा मौसम
रायकवार के मुताबिक, अरब सागर में सक्रिय तूफान “शक्ति” काफी दूर चला गया है, इसलिए इसका प्रदेश के मौसम पर सीधा प्रभाव सीमित रहेगा। वहीं, कम दबाव का क्षेत्र बिहार की दिशा में आगे बढ़ने के बाद मध्य प्रदेश पर इसका असर घटेगा। इसके चलते आने वाले कुछ दिनों में वर्षा की गतिविधियों में धीरे-धीरे कमी आने लगेगी। हालांकि, तीन से चार दिन तक बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी संभव है।
10 अक्टूबर के आसपास राजस्थान में एक प्रति-चक्रवात (anti-cyclone) बनने के संकेत मिले हैं। आमतौर पर इस तरह की स्थिति दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी का संकेत होती है। यानी संभावना है कि 10 अक्टूबर के आसपास मानसून आधिकारिक रूप से प्रदेश से विदा लेना शुरू कर दे।
इंदौर में भारी बारिश, अन्य जिलों में भी गिरे मेघ
बीते 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश इंदौर में दर्ज की गई, जहां शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 114.6 मिलीमीटर (लगभग 4.5 इंच) वर्षा हुई। इसके अलावा सीधी में 68.2 मिमी, रीवा में 40 मिमी, सतना में 27 मिमी, जबलपुर में 19.8 मिमी और उज्जैन में 10.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। लगातार हो रही बारिश से कई जगहों पर मौसम सुहावना बना हुआ है, जबकि कुछ निचले इलाकों में पानी भरने की स्थिति भी देखने को मिली है।
आगे क्या रहेगा मौसम का मिजाज
अगले कुछ दिनों में बारिश की तीव्रता धीरे-धीरे घटेगी। इसके बाद आसमान साफ होने लगेगा और अधिकतर इलाकों में सुबह-शाम हल्की ठंडक महसूस होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे मानसून लौटेगा, वैसे-वैसे प्रदेश में “गुलाबी ठंड” का आगमन शुरू हो जाएगा।