MP Weather: मध्य प्रदेश में कमजोर हुआ मानसूनी सिस्टम, भारी बारिश से मिली राहत, 23 जुलाई से फिर लौटेगा तेज बारिश का दौर

MP Weather: मध्य प्रदेश में बीते एक महीने से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से अब लोगों को कुछ राहत महसूस हो रही है। बीते दो दिनों से प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश थम गई है और केवल कुछ ही जिलों में रुक-रुक कर हल्की फुहारें देखने को मिली हैं। इसका मुख्य कारण मौसमी सिस्टम का कमजोर पड़ना है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन जैसे बड़े शहरों में रविवार को धूप खिली रही, जिससे लोगों ने लंबे समय बाद गर्माहट महसूस की। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह राहत बहुत लंबी नहीं चलेगी।

21-22 जुलाई को हल्की बारिश, तापमान में वृद्धि संभव

मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने जानकारी दी है कि 21 और 22 जुलाई को प्रदेश के कुछ इलाकों में छिटपुट बारिश की संभावना बनी हुई है। भारी बारिश की कोई चेतावनी फिलहाल नहीं दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि बारिश की गतिविधियां सीमित रहने से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में दिन का तापमान बढ़ेगा और उमस में भी इजाफा हो सकता है। फिलहाल मानसून की ट्रफ लाइन और पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) प्रदेश से काफी दूर हैं, इसलिए ज्यादा सक्रियता नहीं दिखाई दे रही।

23 जुलाई से फिर सक्रिय होगा मानसून, लौटेगी झमाझम बारिश

हालांकि मौसम में यह ठहराव ज्यादा समय तक नहीं रहेगा। डॉ. सुरेंद्रन के अनुसार जुलाई के अंतिम सप्ताह में मानसून पुनः सक्रिय होगा और प्रदेश के पूर्वी व दक्षिणी हिस्सों में भारी बारिश की संभावनाएं हैं। 23 जुलाई से एक बार फिर अच्छी बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है, खासकर जब मानसून टर्फ लाइन और डिप्रेशन मध्य प्रदेश की ओर बढ़ेगा। इससे पुनः नदियां-नाले उफान पर आ सकते हैं और जलभराव जैसी स्थिति बन सकती है।

अब तक 20.5 इंच बारिश, कुछ जिलों में सामान्य से ज्यादा

अगर अब तक की बात करें, तो मध्य प्रदेश में औसतन 20.5 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है। निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर जैसे जिले तो सामान्य से 15% ज्यादा वर्षा प्राप्त कर चुके हैं, जिससे वहां का मानसून लक्ष्य पूरा हो गया है। ग्वालियर सहित 5 अन्य जिलों में भी स्थिति बेहतर है और 80 से 95 प्रतिशत तक बारिश हो चुकी है। इन जिलों में अब भी अच्छी नमी बनी हुई है और फसलों के लिए स्थिति अनुकूल बनी हुई है।

इंदौर-उज्जैन सबसे पीछे, 10 इंच से कम वर्षा

वहीं, प्रदेश के कुछ इलाके अभी भी मानसून की कृपा से वंचित हैं। इंदौर और उज्जैन संभाग में अब तक 10 इंच से भी कम बारिश हुई है। विशेष रूप से इंदौर, शाजापुर, आगर-मालवा, उज्जैन और बुरहानपुर में बारिश की कमी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। यहां खेतों में नमी की कमी महसूस की जा रही है और बारिश न होने से बोवनी प्रभावित हो रही है। अगर आने वाले सप्ताह में अच्छी बारिश नहीं हुई तो कृषि पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

रविवार को इन जिलों में बदला मौसम, हुई हल्की बारिश

रविवार के दिन कुछ जिलों में मौसम का मिजाज थोड़ा बदला। उज्जैन और खजुराहो में दिन की शुरुआत हल्की बारिश से हुई। वहीं शाम के बाद मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर, सिंगरौली, मुरैना, भिंड, ग्वालियर, दतिया, श्योपुर, नीमच, मंदसौर, गुना, विदिशा, राजगढ़, सागर, दमोह, जबलपुर, उमरिया, सीधी, शहडोल और रीवा जैसे जिलों में रुक-रुक कर बूंदाबांदी का दौर देखने को मिला। इन इलाकों में तापमान में थोड़ी नरमी आई, लेकिन कई प्रमुख शहरों में धूप ने गर्मी का एहसास कराया।

भारी बारिश का अलर्ट नहीं, लेकिन अलर्ट रहना ज़रूरी

मौसम विभाग के वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि फिलहाल 24 घंटे के भीतर कहीं भी भारी वर्षा की चेतावनी नहीं दी गई है। 21 और 22 जुलाई को भी मौसम इसी तरह बना रहेगा – यानि कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश और बाकी जगह उमस। हालांकि 23 जुलाई से पूर्वी और दक्षिणी मध्य प्रदेश में मानसून फिर से सक्रिय होगा। एक नया सिस्टम सक्रिय होने की संभावना है, लेकिन जब तक पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव नहीं होता, तब तक ज्यादा व्यापक बारिश नहीं होगी। इसलिए नागरिकों को अगले दो दिन मौसम के उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए।