MP Weather: मध्यप्रदेश में मानसून के सक्रिय होते ही भारी वर्षा का सिलसिला शुरू हो गया है। बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रदेश के कई जिलों में कॉलोनियां जलमग्न हो चुकी हैं, तो कुछ जगहों पर सड़कों पर दो-दो फीट तक पानी भर गया है। राजधानी भोपाल में स्थित बड़ा तालाब का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। स्थिति को गंभीर मानते हुए कई जिलों में स्कूल-कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।
इन जिलों में जारी हुआ भारी बारिश का रेड और ऑरेंज अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के कुछ हिस्सों में रेड अलर्ट जारी किया है। रायसेन, नर्मदापुरम और हरदा जिलों में अत्यधिक वर्षा की संभावना को देखते हुए उच्चतम स्तर की चेतावनी दी गई है। इसके साथ ही भोपाल, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, बैतूल, खंडवा, देवास, शाजापुर, गुना, शिवपुरी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जो कि गंभीर मौसम स्थितियों की ओर संकेत करता है। प्रशासन ने लोगों से निचले क्षेत्रों और जलभराव वाली जगहों से दूर रहने की अपील की है।
29 से 31 जुलाई तक भारी वर्षा की संभावना, मौसम तंत्र सक्रिय
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मध्यप्रदेश के उत्तर-पश्चिमी भाग में एक कम दबाव का क्षेत्र (Low Pressure Area) बना हुआ है। इसके साथ ही एक सक्रिय मानसून ट्रफ लाइन, सतना से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। यह मौसमी तंत्र अगले दो-तीन दिनों तक अत्यधिक सक्रिय रहेगा। इसके चलते 29 से 31 जुलाई के बीच प्रदेश के अधिकांश जिलों में मूसलाधार बारिश होने का पूर्वानुमान है। इसके कारण कई जगहों पर नदियां उफान पर आ सकती हैं और डैमों से अतिरिक्त पानी छोड़ा जा सकता है।
जमीनी स्थिति: रेस्क्यू ऑपरेशन, हादसे और बढ़ती नदियां
तेज बारिश के कारण कई जगहों से गंभीर घटनाएं सामने आ रही हैं। विदिशा जिले के ग्यारसपुर में एक बच्ची स्कूल वैन का इंतजार करते हुए बहने लगी। उसके भाई ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन वह खुद भी पानी के बहाव में बह गया। गनीमत रही कि पास खड़े लोगों ने दोनों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। अशोकनगर जिले में लगभग 60 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है, जो बाढ़ में फंसे हुए थे। मुरैना जिले के शासकीय बॉयज़ हायर सेकेंडरी स्कूल की एक दीवार भारी बारिश के कारण भरभराकर गिर गई।
डैमों के गेट खोले गए, नदियों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा
लगातार हो रही बारिश के कारण कई बांधों में जलस्तर अधिक हो गया है। तवा डैम के 9 गेट और सतपुड़ा डैम के 5 गेट खोल दिए गए हैं, ताकि अतिरिक्त पानी को नियंत्रित किया जा सके। नर्मदा नदी में भी पानी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। प्रशासन ने नर्मदा तट के पास बसे गांवों और कस्बों को अलर्ट पर रखा है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।