मध्य प्रदेश में उत्तरी हवाओं के कारण ठंड का प्रकोप बढ़ गया है और पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट में है। राज्य के राजगढ़ में न्यूनतम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन में प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा। राजधानी भोपाल में भी पारे ने इस सीजन का रिकॉर्ड तोड़ दिया और न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री पर पहुंच गया।
मौसम विभाग के अनुसार, ठंड का यह दौर अभी कुछ दिन और जारी रहेगा। विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए राज्य के कई हिस्सों में शीतलहर और घने कोहरे की चेतावनी जारी की है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है। लोगों को ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेते देखा जा रहा है।
इन जिलों में शीतलहर का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले दो दिनों के लिए ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा रीवा, उमरिया, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, दमोह और पन्ना जिलों में भी शीतलहर चलने की संभावना जताई गई है। इन क्षेत्रों में तापमान में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है।
कई शहरों में पारा 5 डिग्री के नीचे
राजगढ़ के अलावा प्रदेश के कई अन्य शहरों में भी तापमान काफी नीचे चला गया है। हिल स्टेशन पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, दतिया में 4.5 डिग्री, ग्वालियर में 5.2 डिग्री, गुना में 5.4 डिग्री और नौगांव में 5.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड हुआ। इन आंकड़ों से प्रदेश में ठंड की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
घने कोहरे की भी चेतावनी
शीतलहर के साथ-साथ घने कोहरे का भी अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, ग्वालियर-चंबल, सागर, रीवा और शहडोल संभागों में घना कोहरा छाया रह सकता है। इसके अलावा छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पन्ना और दमोह जिलों में भी सुबह के समय दृश्यता काफी कम रहने की आशंका है। कोहरे के कारण सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो सकता है, इसलिए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी और वहां से आ रही सर्द हवाओं के कारण मैदानी इलाकों में तापमान तेजी से गिरा है। अगले कुछ दिनों तक मौसम का मिजाज ऐसा ही बने रहने का अनुमान है, जिसके बाद तापमान में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है।