MP Weather: मध्य प्रदेश में आगामी दिनों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया सिस्टम सक्रिय हो गया है। साथ ही, मानसून ट्रफ भी प्रदेश के ऊपर से गुजर रही है। इन दोनों कारकों के प्रभाव से 1 से 3 सितंबर तक पूरे प्रदेश में भारी बारिश का दौर शुरू होगा। इससे बाढ़ जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं, और प्रशासन को अलर्ट पर रहने की सलाह दी गई है।
मध्य प्रदेश में बारिश का एक स्ट्रॉन्ग सिस्टम सक्रिय हो रहा है, जिससे 1 सितंबर से प्रदेश के 35 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। आज, शनिवार को प्रदेश के 10 से अधिक जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। राजधानी भोपाल में सुबह से ही धूप-छांव का मौसम बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, 1 सितंबर से यह स्ट्रॉन्ग सिस्टम पूरे प्रदेश में सक्रिय हो जाएगा, जिससे व्यापक बारिश होगी। इससे कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, और प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
मध्य प्रदेश मौसम विभाग ने आज शनिवार के लिए कई जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। देवास, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, दमोह, और डिंडोरी जिलों में तेज बारिश की संभावना है। वहीं, भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर सहित अन्य जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक की स्थिति बनी रह सकती है। शेष जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश और धूप के बीच बदलता मौसम रहने का अनुमान है।
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक वेद प्रकाश ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया सिस्टम सक्रिय है, और मानसून ट्रफ प्रदेश के ऊपर से गुजर रही है। इसके परिणामस्वरूप, शनिवार को अधिकांश जिलों में तेज बारिश की संभावना नहीं है, लेकिन 1 से 3 सितंबर के बीच पूरे प्रदेश में भारी बारिश का दौर शुरू हो सकता है। लो प्रेशर एरिया सिस्टम के प्रभाव के कारण यह स्थिति बनेगी।
मध्य प्रदेश मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वेद प्रकाश ने जानकारी दी है कि एक मानसून ट्रफ प्रदेश के शिवपुरी और सीधी से होकर बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर एरिया में मर्ज हो रहा है। यह सिस्टम एक-दो दिन बाद अपना प्रभाव दिखाते हुए आगे बढ़ेगा, जिससे प्रदेश के पूर्वी हिस्से के जिलों में तेज बारिश हो सकती है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 33.6 इंच बारिश हो चुकी है, जो पूरे सीजन की 90 फीसदी बारिश का आंकड़ा है। अगर 3.7 इंच और बारिश होती है, तो प्रदेश में सामान्य बारिश का आंकड़ा पार हो जाएगा। मंडला और सिवनी जिलों में अब तक 45-46 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि रीवा में सबसे कम 22.3 इंच बारिश दर्ज की गई है। सितंबर में भी अच्छी बारिश होने का अनुमान है, जिससे प्रदेश में सामान्य से अधिक बारिश का भी रिकॉर्ड बन सकता है।
शुक्रवार को नर्मदापुरम में 9 घंटे के भीतर डेढ़ इंच बारिश दर्ज की गई। मंडला और उमरिया में 1-1 इंच, जबकि नौगांव, टीकमगढ़, खजुराहो, छिंदवाड़ा और इंदौर में आधा इंच से ज्यादा पानी गिरा। इसके अलावा, बैतूल, शिवपुरी, उज्जैन, नरसिंहपुर, और सतना जिलों में भी हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार से मौसम का एक नया सिस्टम सक्रिय हो रहा है, जो अगले दो दिनों तक राज्य के पूर्वी हिस्सों में तेज बारिश ला सकता है। इस दौरान जबलपुर, रीवा, शहडोल, और सागर संभाग के जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।