MP Weather: मध्य प्रदेश में फिलहाल कई मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। दक्षिणी छत्तीसगढ़ पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जिसके असर से प्रदेशभर में बारिश का सिलसिला जारी है। इसके साथ ही मानसून द्रोणिका भी गुना और बैतूल होते हुए गुजर रही है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इन परिस्थितियों के चलते आने वाले दो दिनों तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में रुक-रुककर वर्षा होती रहेगी।
कई संभागों में भारी बारिश का अलर्ट
रविवार और सोमवार को भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर और जबलपुर संभाग के जिलों में अच्छी बारिश के आसार हैं। इन क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा भी हो सकती है। वहीं, बाकी जिलों में भी गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग ने विशेष रूप से 24 जिलों—भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला और डिंडौरी—में भारी वर्षा की चेतावनी दी है।
कम दबाव का क्षेत्र और मानसून द्रोणिका का प्रभाव
मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अभिजीत चक्रवर्ती ने जानकारी दी कि वर्तमान में दक्षिणी छत्तीसगढ़ और उसके आसपास कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है। यह प्रणाली पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए धीरे-धीरे कमजोर पड़ सकती है। साथ ही, मानसून द्रोणिका जैसलमेर, कोटा, गुना, बैतूल, दक्षिणी छत्तीसगढ़ से होते हुए विशाखापट्नम और फिर बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। इस द्रोणिका के चलते प्रदेश में नमी लगातार बनी हुई है, जिससे बारिश की गतिविधियां तेज हो गई हैं।
अरब सागर और गुजरात पर भी सक्रिय चक्रवातीय हवाएं
पूर्वोत्तर अरब सागर और उससे लगे गुजरात क्षेत्र पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। यह प्रणाली कोंकण और गोवा तक फैली हुई है। इसके अलावा, पूर्वोत्तर अरब सागर से छत्तीसगढ़ पर बने कम दबाव के क्षेत्र तक एक द्रोणिका बनी है, जो उत्तरी महाराष्ट्र से गुजर रही है। इन सभी प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव से प्रदेश में रुक-रुककर बारिश होती रहेगी।
बंगाल की खाड़ी में बनेगा नया कम दबाव का क्षेत्र
मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि 18 अगस्त को बंगाल की खाड़ी में एक और नया कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इससे प्रदेश में बारिश का क्रम और तेज हो सकता है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से लगातार आ रही नमी के कारण मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा का दौर बना रहेगा। उन्होंने कहा कि रुक-रुककर बौछारें पड़ने का सिलसिला फिलहाल जारी रहेगा।
पिछले 24 घंटे में कहां-कितनी हुई बारिश
शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक कई जिलों में अलग-अलग स्तर की वर्षा दर्ज की गई। रायसेन में सबसे अधिक 47 मिमी बारिश दर्ज हुई। जबलपुर में 28 मिमी, भोपाल में 8 मिमी, बैतूल में 6 मिमी, खजुराहो में 3 मिमी, जबकि छिंदवाड़ा और सागर में 2-2 मिमी वर्षा दर्ज की गई। वहीं दमोह, उज्जैन, पचमढ़ी और इंदौर में 1-1 मिमी बारिश हुई।