MP Weather: प्रदेश के 26 जिलों में होगी भारी बारिश, अगले तीन दिन तक बरसेंगे बादल, जारी हुआ अलर्ट

मध्यप्रदेश के कई जिलों में आज मौसम का मिजाज पूरी तरह बदला हुआ है। मौसम विभाग ने 23 जिलों में भारी और 3 जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। अनुमान है कि स्वतंत्रता दिवस के दिन आधे से ज्यादा प्रदेश में तेज बारिश हो सकती है, जिससे कई जगह कार्यक्रमों में बाधा आने की संभावना है। साथ ही, 17 अगस्त तक लगातार तेज बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है।

आज किन जिलों में होगी भारी बारिश

मौसम विभाग के मुताबिक, देवास, खंडवा और बुरहानपुर में अगले 24 घंटों के दौरान करीब 8.5 इंच तक वर्षा हो सकती है, जिसके लिए अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, इंदौर, उज्जैन, खरगोन, बड़वानी, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, नीमच, मंदसौर, सीहोर, हरदा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, जबलपुर, बालाघाट, मंडला और डिंडौरी जिलों में 4.5 इंच तक बारिश की संभावना है, जहां यलो अलर्ट लागू है। भोपाल, ग्वालियर और आसपास के जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की स्थिति बनी रह सकती है।

पिछले 24 घंटे का वर्षा आंकड़ा

गुरुवार को भी प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी रहा। पचमढ़ी में पौने 2 इंच पानी गिरा, जबकि गुना में डेढ़ इंच और इंदौर में आधा इंच वर्षा दर्ज हुई। बैतूल, दतिया, नर्मदापुरम, राजगढ़, उज्जैन, जबलपुर, टीकमगढ़ और शाजापुर सहित कई जिलों में बारिश का दौर बना रहा। कहीं तेज बारिश तो कहीं हल्की बूंदाबांदी ने मौसम को सुहावना बना दिया।

बारिश का कारण – सक्रिय मौसम प्रणालियां

सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि इस समय मध्यप्रदेश में कई मौसम प्रणालियां एक साथ सक्रिय हैं। प्रदेश से होकर एक ट्रफ लाइन गुजर रही है, साथ ही एक सक्रिय मानसून ट्रफ और तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम भी प्रभाव डाल रहे हैं। इसके अलावा, लो-प्रेशर एरिया की गतिविधियां भी तेज हैं, जिसके चलते वर्षा का सिलसिला जारी है।

बारिश का आंकड़ा और कोटा

प्रदेश की औसत मौसमी बारिश 37 इंच मानी जाती है। इस साल अब तक 30.3 इंच बारिश हो चुकी है, जो सीजन के कोटे का करीब 82% है। अब इस औसत को पूरा करने के लिए सिर्फ 6.7 इंच बारिश और जरूरी है। वहीं, कुछ जिलों में औसत से 6.4 इंच ज्यादा यानी लगभग 23.9 इंच अतिरिक्त वर्षा दर्ज हो चुकी है, जिससे जलभराव और बाढ़ की स्थिति भी पैदा हो सकती है।