मध्यप्रदेश के ऊपर कोई विशेष मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। मानसून की द्रोणिका उत्तर भारत की ओर खिसक गई है, जिसकी वजह से राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश की तीव्रता कम हो गई है। हालांकि, दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर एक चक्रवात का प्रभाव बना हुआ है, जिसका असर सीधे तौर पर ग्वालियर, चंबल, सागर और रीवा संभाग के जिलों पर देखने को मिल सकता है। यहां मध्यम स्तर की वर्षा होने की संभावना जताई गई है, जबकि बाकी क्षेत्रों में केवल हल्की फुहारें पड़ने के आसार हैं।
20 जिलों में अच्छी बारिश की संभावना
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मध्यप्रदेश के करीब 20 जिलों में आज बारिश का प्रभाव खास तौर पर देखने को मिल सकता है। इनमें अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, गुना, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, भिंड, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज, मैहर, छतरपुर, दमोह, पन्ना, सागर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले शामिल हैं। इन जिलों में अच्छी बारिश के आसार हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर फसलों को फायदा तो होगा ही, साथ ही निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
उत्तर भारत और बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात
मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक वी.एस. यादव ने जानकारी दी कि वर्तमान समय में मानसून द्रोणिका सूरतगढ़, रोहतक, फतेहगढ़, गया और दीघा से होकर बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। इस द्रोणिका की वजह से पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्र और बांग्लादेश के समीपवर्ती इलाकों में हवा के ऊपरी स्तर पर चक्रवात बना हुआ है। इसके अलावा दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात सक्रिय है। पश्चिमी राजस्थान और उसके आसपास के क्षेत्रों में भी इसी तरह का चक्रवात बना हुआ है। इन सिस्टम्स का असर मध्यप्रदेश के उत्तरी और पूर्वी जिलों तक दिखाई देगा।
नया कम दबाव क्षेत्र बनने की संभावना
विशेषज्ञों ने यह भी अनुमान लगाया है कि 25 अगस्त को ओडिशा और उससे लगे पश्चिम बंगाल के समुद्री तटों पर कम दबाव का क्षेत्र विकसित हो सकता है। यदि यह सिस्टम मजबूत हुआ तो इसका सीधा असर मध्यप्रदेश में अगले हफ्ते के भीतर देखने को मिलेगा। इसके चलते राज्य के कई हिस्सों में फिर से जोरदार बारिश की संभावना बढ़ जाएगी।
शुक्रवार की बारिश का ब्यौरा
शुक्रवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक विभिन्न जिलों में अलग-अलग स्तर की वर्षा दर्ज की गई। मलाजखंड में सबसे अधिक 33 मिलीमीटर बारिश हुई, वहीं मंडला में 23 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। पचमढ़ी में 18, श्योपुर और नरसिंहपुर में 14-14, गुना में 10, दमोह और जबलपुर में 9-9, टीकमगढ़ में 8, उमरिया में 7, छिंदवाड़ा और रीवा में 4-4, भोपाल में 3, बैतूल, रतलाम और सिवनी में 2-2 तथा उज्जैन में 1 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। यह आंकड़े बताते हैं कि फिलहाल बारिश का असर ज्यादातर उत्तर और पूर्वी जिलों में ज्यादा है।