MP Weather: मध्य प्रदेश में इस समय मौसम में तेज़ी से बदलाव देखने को मिल रहा है, और ठंडी हवाओं और गिरते तापमान के कारण राज्य में ठंड बढ़ गई है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में ठंड और कोहरे का डबल अटैक होने की चेतावनी दी है। शनिवार को राजधानी भोपाल में इस सीजन की सबसे सर्द रात दर्ज की गई, और प्रदेश के कई शहरों में रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिरा। इससे ठंड का असर और अधिक बढ़ सकता है, और आने वाले दिनों में ठंड में और इज़ाफा हो सकता है।
मध्य प्रदेश में इस समय बर्फीली हवाओं का असर अधिक दिखाई दे रहा है, खासकर पचमढ़ी, मंडला, भोपाल, उमरिया, राजगढ़ और नौगांव जैसे शहरों में रात का तापमान सबसे कम दर्ज किया गया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, कश्मीर और लद्दाख में हो रही बर्फबारी के कारण मध्य प्रदेश में ठिठुरन बढ़ गई है। पचमढ़ी, जहां तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस था, राज्य का सबसे ठंडा स्थान बना है। इसके बाद भोपाल ने भी ठंड का रिकॉर्ड तोड़ा और राज्य का दूसरा सबसे ठंडा शहर बन गया। इस ठंडी का असर आगे भी बना रह सकता है।
भोपाल में इस साल नवंबर में ठंड का प्रकोप काफी बढ़ गया है, और शहर में न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो पिछले 36 वर्षों में नवंबर महीने का सबसे कम तापमान है। इससे पहले, 1988 में नवंबर में न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में तापमान में गिरावट आई है। अगले कुछ दिनों तक इस ठंड से राहत मिलने की संभावना कम है, और ठंडी का असर बना रह सकता है।
मध्य प्रदेश के कई शहरों में तापमान में गिरावट देखी गई है। जबलपुर में दिन का अधिकतम तापमान 26.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि प्रदेश के अन्य हिस्सों जैसे राजगढ़, उमरिया और नौगांव में रात का तापमान 9 डिग्री के आसपास रहा। ये तापमान ठंडी के मौसम को और बढ़ाने का संकेत दे रहे हैं, और आने वाले दिनों में ठंड की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
भोपाल में इस समय प्रदूषण का स्तर गंभीर रूप से बढ़ चुका है। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच चुका है, जिससे प्रदूषण के कारण सांस लेना मुश्किल हो गया है। कूड़ा जलाने और पराली जलाने जैसी गतिविधियों के कारण वायु प्रदूषण अधिक हो रहा है। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है, खासकर अस्थमा और श्वसन समस्याओं से पीड़ित लोग अधिक प्रभावित हो सकते हैं। प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने शहर में जीवन को कठिन बना दिया है, और अगले कुछ दिनों तक इससे राहत मिलने की संभावना कम है।
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं का असर मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अगले दो-तीन दिनों तक बना रह सकता है। इस कारण ठंड का प्रकोप और अधिक बढ़ने की संभावना है। इसके साथ ही, कोहरे के कारण विजिबिलिटी भी कम हो सकती है, जिससे सड़क पर यात्रा करना खतरनाक हो सकता है। यात्रियों को खासतौर पर सुबह और रात के समय सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है, ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके।