MP Weather : मध्यप्रदेश में आए दिन बिन मौसम बारिश से जहां आम जन जीवन काफी ज्यादा हताश हुआ है, लेकिन वहीं अभी भी कई इलाकों में बदरी छाई हुई है। ऐसे में बादलों के मध्य गर्मी बढ़ने (Heat Increase) लगी है। मौसम विभाग (IMD Forecast) की मानें तो अभी भी कई इलाकों में तेज बरसात की आशंका बनी हुई है। आज से लेकर अगले एक दो दिन में कुछ जिलों में बूंदाबांदी के साथ बिजली और आंधी तूफ़ान का अलर्ट भी जारी किया हैं।
प्रदेश में मौसम में निरंतर दवाब होने के कारण छिटपुट वर्षा हो रही है। इसके साथ ही प्रदेश में कई स्थानों पर मध्यम व तीव्र रफ़्तार से भी बरसात रिकॉर्ड की गई है। बीते 24 घंटों में राजधानी समेत अनेक संभागों भोपाल, नर्मदापुरम, सागर, शहडोल और ग्वालियर चंबल में बरसात रिकॉर्ड की गई है। इसके साथ ही इंदौर, उज्जैन और रीवा संभाग में भी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। मध्यप्रदेश में अगले 24 घंटों तक मौसम में निरंतर वृष्टि का सिलसिला जारी रहेगा। सतत हो रही बारिश की वजह से दिन और रात्रि के टेंपरेचर में बड़ी तीव्रता के साथ गिरावट आई है।
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मौसम विभाग के मुताबिक, ट्रफ लाइन हिमालय की तरफ पहुंच गया है, लेकिन कम नमी का क्षेत्र बना हुआ है, इसके प्रभाव से आज बुधवार को रीवा, सतना सहित 12 जिलों में अगले 24 छंतो में भारी बरसात का अलर्ट जारी कर दिया गया है। भोपाल में मौसम क्लियर रहेगा। इंदौर ग्वालियर में भारी वर्षा होने के संकेत अधिक हैं। जबलपुर और उज्जैन में बादल छाए रहने के साथ होगी जलमग्न बारिश।
बुधवार को रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर, ग्वालियर, चंबल संभाग में झमाझम बारिश हो सकती है। सागर, बालाघाट, मंडला, सिवनी, डिंडोरी, सतना और रीवा में तूफानी वर्षा और वज्रपात का अलर्ट जारी किया गया हैं। अशोकनगर, सिंगरौली, सीधी, अनूपपुर, शहडोल, छिंदवाड़ा, पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़ तूफानी वर्षा की भविष्यवाणी की गई हैं।
भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुर, उमरिया, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर और निवाड़ी मामूली से भारी बारिश होने के आसार बन रहे हैं।
वहीं मौजूदा समय में उत्तरी बंगाल की खाड़ी के सेंटर हिस्सों में निम्न नमी का इलाका बना हुआ है जबकि मानसून की अक्षीय लाइन अमृतसर, पटियाला, बरेली, गोरखपुर, गया, बांकुरा, दीघा से उत्तरी बंगाल की खाड़ी के मध्यवर्ती हिस्सों में बने निम्न नमी के एरिया के सेंटर से होकर दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तरी अंडमान सागर तक पहुंच रही है।