MP Weather : मध्यप्रदेश में आए दिन बिन मौसम बारिश से जहां आम जन जीवन काफी ज्यादा हताश हुआ है, लेकिन वहीं अभी भी कई इलाकों में बदरी छाई हुई है। ऐसे में बादलों के मध्य गर्मी बढ़ने (Heat Increase) लगी है। मौसम विभाग (IMD Forecast) की मानें तो अभी भी कई इलाकों में तेज बरसात की आशंका बनी हुई है। आज से लेकर अगले एक दो दिन में कुछ जिलों में बूंदाबांदी के साथ बिजली और आंधी तूफ़ान का अलर्ट भी जारी किया हैं।
प्रदेश में मौसम में निरंतर दवाब होने के कारण छिटपुट वर्षा हो रही है। इसके साथ ही प्रदेश में कई स्थानों पर मध्यम व तीव्र रफ़्तार से भी बरसात रिकॉर्ड की गई है। बीते 24 घंटों में राजधानी समेत अनेक संभागों भोपाल, नर्मदापुरम, सागर, शहडोल और ग्वालियर चंबल में बरसात रिकॉर्ड की गई है। इसके साथ ही इंदौर, उज्जैन और रीवा संभाग में भी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। मध्यप्रदेश में अगले 24 घंटों तक मौसम में निरंतर वृष्टि का सिलसिला जारी रहेगा। सतत हो रही बारिश की वजह से दिन और रात्रि के टेंपरेचर में बड़ी तीव्रता के साथ गिरावट आई है।
राजधानी भोपाल में 34.3, ग्वालियर में 35.2, नर्मदापुरम में 35.3, इंदौर में 33.6, जबलपुर में 32.6 डिग्री सेल्सियस अधिकतम टेंपरेचर दर्ज हुआ। वहीं, कई भागों में सर्द भी एंट्री कर सकती है। बीते 24 घंटे के सर्वाधिक न्यून टेंपरेचर बालाघाट के मलाजखंड में 14.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ छिंदवाड़ा में 15.8, सिवनी में 18, उमरिया में 18.6, मंडला में 18, जबलपुर में 18, भोपाल में 20.2, पचमढ़ी में 14.8, रायसेन में 18 डिग्री सेल्सियस कुंबसे कम टेंपरेचर रिकॉर्ड हुआ।
मौसम विशेषज्ञों के द्वारा जारी किए गए अनुमान में बताया गया हैं कि इंदौर, ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग के जिलों से वर्षाऋतु कब से लुप्त हो चुकी है। साथ ही अन्य शेष प्रदेश से आने वाले दो से तीन दिनों में इसकी वापसी प्रबल है। वहीं वायुमंडल में कम दवाब होने के कारण अब आकाश और भी अधिक क्लियर हो गया है। जिसके परिणामस्वरूप दिन में तेज धूप से काफी ज्यादा उमस महसूस होती है। वहीं सायंकाल होते ही और सवेरे होते ही ठंड का अत्यधिक अनुभव होने लगता है।
पिछले कई दिनों से प्रदेश में मानसून के खत्म होने का अनुमान लगाया जा रहा हैं। हालांकि ये समय मानसून को विदा देने के लिए एकदम उचित समय भी हैं। वहीं कम नमी का इलाका भी अब पश्चिम बंगाल के करीब करीब पहुंच गया है। अब प्रदेश में वर्षा करवाने हेतु कोई भी मजबूत सिस्टम एक्टिव नहीं है। यही वजह है कि अब प्रदेश में बादलों के बरसने के क्रम पर विराम सा लग गया हैं।