MP Weather : मध्यप्रदेश में आए दिन बिन मौसम बारिश से जहां आम जन जीवन काफी ज्यादा हताश हुआ है, लेकिन वहीं अभी भी कई इलाकों में बदरी छाई हुई है। ऐसे में बादलों के मध्य गर्मी बढ़ने (Heat Increase) लगी है। मौसम विभाग (IMD Forecast) की मानें तो अभी भी कई इलाकों में तेज बरसात की आशंका बनी हुई है। आज से लेकर अगले एक दो दिन में कुछ जिलों में बूंदाबांदी के साथ बिजली और आंधी तूफ़ान का अलर्ट भी जारी किया हैं।
प्रदेश में मौसम में निरंतर दवाब होने के कारण छिटपुट वर्षा हो रही है। इसके साथ ही प्रदेश में कई स्थानों पर मध्यम व तीव्र रफ़्तार से भी बरसात रिकॉर्ड की गई है। बीते 24 घंटों में राजधानी समेत अनेक संभागों भोपाल, नर्मदापुरम, सागर, शहडोल और ग्वालियर चंबल में बरसात रिकॉर्ड की गई है। इसके साथ ही इंदौर, उज्जैन और रीवा संभाग में भी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। मध्यप्रदेश में अगले 24 घंटों तक मौसम में निरंतर वृष्टि का सिलसिला जारी रहेगा। सतत हो रही बारिश की वजह से दिन और रात्रि के टेंपरेचर में बड़ी तीव्रता के साथ गिरावट आई है।
आज 30 सितम्बर यानी की शनिवार को जबलपुर, रीवा और शहडोल संभाग के अधिकांश जिलों में जबरदस्त वर्षा होने की आशंका जताई गई है। इन जिलों में आने वाले कुछ दिनों तक वर्षा का भयावह चरण देखने को मिल सकता हैं। हालांकि, इंदौर, भोपाल और उज्जैन संभाग के जिलों में ग्रीष्म और उमस रहेगी। मध्य प्रदेश के 25 जिलों में अब तक अंदाजन से अत्यधिक वर्षा रिकॉर्ड की जा चुकी हैं। झाबुआ, बुरहानपुर, खरगोन, नरसिंहपुर, सिवनी, निवाड़ी, रतलाम, भिंड, उज्जैन, राजगढ़, धार, अलीराजपुर, बड़वानी, खंडवा, कटनी, छिंदवाड़ा, देवास, श्योपुरकलां, हरदा, बैतूल और अनूपपुर जिले में इस वर्ष एवरेज से सर्वाधिक तीव्र वर्षा की आशंका जताई गई हैं।
मौसम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अब तक प्रदेश में तक़रीबन 36.75 इंच वर्षा दर्ज की जा चुकी है, जबकि 36.81 होनी चाहिए थी। यानी MP में वर्षा का आंकड़ा 0.2% बेहद न्यून है। नरसिंहपुर जिले में सर्वाधिक लगभग 51 इंच बारिश दर्ज की गई है, जबकि सतना, अशोकनगर, रीवा और सीधी जिलों में बेहद न्यून बारिश हुई है।
मौसम स्पेशलिस्ट के मुताबिक अक्टूबर महीने के आगाज में भी वर्षा की हलचल निरंतर बरकरार रहेंगी। हालांकि मौसम विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले 15 दिनों में प्रदेश से वर्षा ऋतु पूरी तरह से अपनी वापसी कर जाएगा। लेकिन उससे पूर्व भयंकर बारिश का फेज पूरे प्रदेशभर में फिर से देखने को मिल सकता हैं। अगस्त का महीना पूरा बिन बरसे गुजरने के बाद सितंबर में तेज वर्षा देखने को मिली है, जिसने अगस्त महीने के सूखेपन का कोटा पूरा कर दिया है।