मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड और गिरते तापमान ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात प्रदेश के कई शहरों में पारा लुढ़ककर 5 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया। इंदौर और पचमढ़ी में सबसे कम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन की अब तक की सबसे सर्द रातों में से एक है।
मौसम विभाग के अनुसार, राजधानी भोपाल और ग्वालियर में भी रात के तापमान में खासी गिरावट देखने को मिली है। भोपाल में न्यूनतम तापमान 6.5 डिग्री, ग्वालियर में 9.1 डिग्री, उज्जैन में 9 डिग्री और जबलपुर में 8.4 डिग्री सेल्सियस रहा। आज भी प्रदेश के 5 जिलों में शीतलहर (Cold Wave) का अलर्ट जारी किया गया है।
जेट स्ट्रीम ने बढ़ाई ठिठुरन
मौसम वैज्ञानिकों ने इस कड़ाके की ठंड के पीछे ‘जेट स्ट्रीम’ को एक बड़ी वजह बताया है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में जेट स्ट्रीम का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। यह हवा जमीन से करीब 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर 204 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बह रही है। इसका सीधा असर मध्य प्रदेश के मौसम पर भी पड़ रहा है, जिससे गलन और ठिठुरन बढ़ गई है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, जेट स्ट्रीम जमीन से लगभग 12 किमी ऊपर चलने वाली तेज हवा होती है। कई बार इसकी रफ्तार 222 किमी प्रति घंटा तक भी पहुंच जाती है। जब उत्तर के मैदानी इलाकों से ठंडी हवाएं और पहाड़ों से बर्फीली हवाएं यहां पहुंचती हैं, तो ठंड का प्रकोप बढ़ जाता है। इस बार जेट स्ट्रीम की मौजूदगी ने सर्दी को दोगुना कर दिया है।
अन्य जिलों का हाल
बीती रात प्रदेश के अधिकांश शहरों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही बना रहा। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार स्थिति इस प्रकार रही:
- राजगढ़: 5.2 डिग्री
- नौगांव: 6.4 डिग्री
- उमरिया: 6.6 डिग्री
- रीवा: 7 डिग्री
- मलाजखंड: 7.2 डिग्री
- मंडला: 7.6 डिग्री
- रायसेन, शिवपुरी, नरसिंहपुर: 8 डिग्री
- बैतूल: 8.5 डिग्री
इसके अलावा छिंदवाड़ा और खजुराहो में 9 डिग्री, सतना में 9.1 डिग्री, टीकमगढ़ और रतलाम में 9.5 डिग्री, दमोह में 9.8 डिग्री और दतिया में 9.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाएं
देश के उत्तरी हिस्से, विशेषकर हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में हुई बर्फबारी के कारण हवाओं का रुख उत्तरी हो गया है। इन बर्फीली हवाओं के सीधे प्रभाव के कारण ही मध्य प्रदेश में शीतलहर की स्थिति बनी हुई है। मौसम विभाग का कहना है कि दिसंबर और जनवरी के महीने ठंड के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण होते हैं, ठीक वैसे ही जैसे जुलाई और अगस्त मानसून के लिए होते हैं।
टूट रहे सर्दी के पुराने रिकॉर्ड
इस बार सर्दी ने नवंबर से ही अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे। भोपाल में नवंबर की सर्दी का 84 साल का रिकॉर्ड टूट चुका है। वहीं, इंदौर में पिछले 25 सालों में सबसे ज्यादा ठंड पड़ी है। दिसंबर में भी यही ट्रेंड जारी है और इंदौर में दिसंबर की सर्दी का 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया है।
वहीं, नवंबर में भोपाल में लगातार 15 दिनों तक शीतलहर चली थी, जो 1931 के बाद सबसे लंबी अवधि थी। 17 नवंबर की रात पारा 5.2 डिग्री तक गिर गया था, जो एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड था। इससे पहले 30 नवंबर 1941 को तापमान 6.1 डिग्री दर्ज किया गया था।