मध्य प्रदेश इन दिनों कड़ाके की ठंड और शीतलहर की चपेट में है। उत्तरी पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवाओं ने पूरे प्रदेश में ठिठुरन बढ़ा दी है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। मंगलवार को रीवा 4.6 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ राज्य का सबसे ठंडा स्थान दर्ज किया गया, जो इस मौसम का एक नया रिकॉर्ड है।
ठंड का असर सिर्फ रीवा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ग्वालियर-चंबल से लेकर मालवा-निमाड़ तक पूरा प्रदेश कांप रहा है। राजधानी भोपाल में भी सीजन की सबसे सर्द रात दर्ज की गई, जहां पारा गिरकर 7.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। लोग ठंड से बचने के लिए अलाव और गर्म पेय पदार्थों का सहारा ले रहे हैं।
प्रमुख शहरों में तापमान का हाल
प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में भी तापमान में भारी गिरावट देखी गई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, ग्वालियर में न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री, जबलपुर में 7.0 डिग्री और आर्थिक राजधानी इंदौर में 8.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
इसके अलावा, कुछ अन्य प्रमुख स्थानों का तापमान इस प्रकार रहा:
- पचमढ़ी: 5.2 डिग्री सेल्सियस
- उमरिया: 5.4 डिग्री सेल्सियस
- उज्जैन: 8.5 डिग्री सेल्सियस
- नर्मदापुरम: 8.8 डिग्री सेल्सियस
क्यों बढ़ी अचानक ठंड?
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड में इस तेज बढ़ोतरी का मुख्य कारण उत्तर भारत के पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के बाद वहां से आ रही सर्द और शुष्क हवाएं हैं। इन हवाओं के कारण दिन और रात के तापमान में तेजी से गिरावट आई है, जिससे शीतलहर की स्थिति बन गई है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले दो से तीन दिनों तक ठंड से राहत नहीं मिलने की संभावना जताई है। विभाग के अनुसार, प्रदेश के कई जिलों में शीतलहर का प्रकोप जारी रह सकता है। लोगों को ठंड से बचाव के लिए जरूरी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
हालांकि, 26 जनवरी के बाद एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने का अनुमान है। इसके प्रभाव से मौसम करवट ले सकता है और कुछ इलाकों में हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है। इस बदलाव से न्यूनतम तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन साथ ही कोहरा छाने की भी आशंका है।