मध्य प्रदेश में मौसम ने करवट ले ली है और पूरे प्रदेश में कड़ाके की ठंड का असर दिखने लगा है। पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। पचमढ़ी में पारा 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे लुढ़क गया है, जिससे वहां ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की संभावना जताई है।
प्रदेश के कई जिलों में रात का तापमान सामान्य से काफी नीचे चला गया है। मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार, उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण प्रदेश के तापमान में यह गिरावट देखने को मिल रही है। विशेष रूप से रात के समय और सुबह के वक्त कोहरे और धुंध का असर भी देखा जा रहा है, जिससे दृश्यता (विजिबिलिटी) पर भी प्रभाव पड़ा है।
पांच जिलों में शीतलहर का अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए प्रदेश के पांच जिलों में शीतलहर (Cold Wave) का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में तापमान में और अधिक गिरावट की आशंका है। प्रशासन ने लोगों को ठंड से बचाव के लिए जरूरी उपाय करने की सलाह दी है। विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को सुबह और रात के समय बाहर निकलने से बचने को कहा गया है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) का असर कम है, लेकिन उत्तरी हवाओं की गति तेज होने के कारण ठंड का प्रकोप जारी रहेगा। आने वाले दो-तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री तक की और गिरावट हो सकती है।
पचमढ़ी सबसे ठंडा
प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में सबसे कम तापमान दर्ज किया गया है। यहां पारा 5 डिग्री से नीचे जाने के कारण सैलानियों और स्थानीय लोगों को अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है। इसके अलावा उमरिया, नौगांव और रायसेन जैसे शहरों में भी रात का तापमान काफी कम रहा है। भोपाल और इंदौर जैसे बड़े शहरों में भी रात के समय ठंड का अहसास तेज हो गया है।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, यह ठंड रबी की फसलों, विशेषकर गेहूं और चने के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। हालांकि, अगर पाला पड़ता है तो सब्जियों और कुछ संवेदनशील फसलों को नुकसान भी हो सकता है। किसान भाइयों को सलाह दी गई है कि वे मौसम के पूर्वानुमान पर नजर बनाए रखें और अपनी फसलों को पाले से बचाने के लिए सिंचाई जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।