MP Weather: मध्यप्रदेश में बदला मौसम का मिजाज, भोपाल में गिरा तापमान, अब 12 जिलों में होगी भारी बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट

MP Weather: भोपाल में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 34.9 डिग्री सेल्सियस रहा, जो पिछले तीन दिनों में पहली बार 35 डिग्री से नीचे आया है। गुरुवार को अधिकतम तापमान 38.7 डिग्री सेल्सियस था, जिससे शुक्रवार को तापमान में करीब 3.8 डिग्री की गिरावट देखी गई। इसके साथ ही, शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 20.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिससे सुबह और रात के समय मौसम अपेक्षाकृत ठंडा महसूस हुआ।

मध्य प्रदेश में अगले दो दिनों तक तापमान में गिरावट का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में तापमान में 1-2 डिग्री सेल्सियस तक और गिरावट हो सकती है, हालांकि इसके बाद मौसम सामान्य होने के साथ ही गर्मी का प्रकोप फिर से बढ़ने की संभावना है। शुक्रवार को भोपाल में हवा की रफ्तार 25 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई, जिससे दिन के तापमान में कमी आई। मौसम विभाग का कहना है कि तेज हवाओं के प्रभाव से रात के तापमान में भी गिरावट देखने को मिल सकती है। प्रदेश के अन्य शहरों में भी दिन के तापमान में समान रूप से कमी दर्ज की गई है, जिससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली है।

मध्य प्रदेश में नर्मदापुरम सबसे गर्म शहर रहा, जहां शुक्रवार को अधिकतम तापमान 40.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, टीकमगढ़ में भी पारा 40.0 डिग्री तक पहुंच गया, जिससे इन इलाकों में गर्मी का असर अधिक महसूस हुआ। दूसरी ओर, शिवपुरी में गुरुवार को लू चलने के बाद अब मौसम सामान्य हो गया है, जिससे लोगों को कुछ राहत मिली है। मौसम विभाग के अनुसार, 1 अप्रैल को मध्य प्रदेश के कई जिलों में बारिश होने की संभावना है। राजगढ़, विदिशा, भोपाल, देवास, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, खंडवा, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और सीहोर में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इससे तापमान में हल्की गिरावट आने की उम्मीद है, जिससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिलेगी।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि इस वर्ष देश के उत्तर-पश्चिमी राज्यों—हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और दिल्ली में हीटवेव के दिनों की संख्या सामान्य से दोगुनी हो सकती है। आमतौर पर अप्रैल से जून के बीच 5-6 दिन लू चलती है, लेकिन इस बार 10-12 दिनों तक हीटवेव की स्थिति बनी रह सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ऐसा होता है, तो 2025 अब तक का सबसे गर्म वर्ष साबित हो सकता है, जिससे गर्मी का प्रकोप बढ़ेगा और आम जनजीवन प्रभावित होगा।

मौसम विभाग के अनुसार, इस साल हीटवेव की तीव्रता और अवधि बढ़ाने के पीछे अल-नीनो प्रभाव और जलवायु परिवर्तन मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। प्रशांत महासागर में पानी का असामान्य रूप से गर्म होना अल-नीनो को जन्म देता है, जिससे भारत में गर्मी बढ़ती है और मानसूनी बारिश पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस वर्ष जून तक अल-नीनो का प्रभाव बना रह सकता है, जिससे तापमान में और बढ़ोतरी हो सकती है। वर्तमान में देश के आठ राज्यों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच चुका है, और मार्च से ही कई राज्यों में हीटवेव जैसी स्थितियां देखी जा रही हैं। अगले कुछ दिनों में उत्तर भारत में गर्मी और बढ़ने की संभावना है, हालांकि उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण कुछ क्षेत्रों में तापमान में 3-4 डिग्री की गिरावट भी संभव है। वहीं, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में अगले तीन दिनों तक धूलभरी और शुष्क हवाएं चलने की संभावना जताई गई है।