MP Weather: मध्य प्रदेश में बदला मौसम, कई जिलों में होगी भारी बारिश और ओलावृष्टि, IMD ने जारी किया अलर्ट

MP Weather: मध्य प्रदेश में बीते कुछ दिनों से मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया है। प्रदेश के कई हिस्सों में झमाझम बारिश और ओलावृष्टि ने कहर बरपाया है। खासतौर पर बुंदेलखंड क्षेत्र के सागर, दमोह, पन्ना और टीकमगढ़ जिलों में भारी बारिश और ओलावृष्टि दर्ज की गई है। दमोह जिले के पटेरा और कुंडलपुर में बड़े-बड़े ओले गिरने से यहां का नजारा कश्मीर जैसा दिखने लगा, लेकिन यह खूबसूरत दृश्य किसानों के लिए एक भीषण आपदा बनकर सामने आया। खेतों में खड़ी गेहूं, चना और मसूर की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

बारिश और ओलों की मार ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। तेज हवा के झोंकों से गेहूं की फसलें खेतों में ही गिर गईं, जिससे उनकी चमक और गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। चना और मसूर की फसलें भी खेतों में सड़ने लगी हैं। कटनी, अमरपाटन, सिंगरौली, शहडोल और मैहर जैसे कई इलाकों में तेज बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को पूरी तरह नष्ट कर दिया है। किसानों का कहना है कि उनकी सालभर की मेहनत बर्बाद हो गई है और अब उनकी एकमात्र उम्मीद सरकार की राहत और मुआवजे पर टिकी हुई है।

मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, जिसके चलते आगामी दो दिनों तक झमाझम बारिश और ओलावृष्टि की संभावना बनी हुई है। दमोह, कटनी, उमरिया, शहडोल, डिंडौरी और अनूपपुर जिलों में ओले गिरने का अनुमान जताया गया है, जिससे फसलों को और नुकसान हो सकता है। वहीं, ग्वालियर, मुरैना, भिंड और दतिया जिलों में तेज आंधी और बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, बैतूल, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, अशोकनगर, हरदा और नर्मदापुरम में गरज-चमक के साथ तेज आंधी चलने की संभावना जताई गई है। मौसम की यह मार किसानों और आमजन दोनों के लिए चिंता का कारण बनती जा रही है।

बारिश और ओलावृष्टि के चलते प्रदेश के कई जिलों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन जैसे बड़े शहरों में न्यूनतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट देखी गई है। सबसे कम तापमान ग्वालियर में 15.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि इंदौर में 17.6 डिग्री, जबलपुर में 18.8 डिग्री और भोपाल में 20.4 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। वहीं, प्रदेश में सबसे अधिक तापमान खरगोन में 37.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि सबसे कम तापमान राजगढ़ में 14.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम में आए इस बदलाव से जहां गर्मी से राहत मिली है, वहीं किसानों के लिए यह चिंता का कारण भी बन गया है।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस समय मध्य प्रदेश में तीन बड़ी मौसम प्रणालियाँ सक्रिय हैं, जिनके कारण प्रदेश के 27 जिलों में भारी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना बनी हुई है। भोपाल, रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर और ग्वालियर संभाग के जिलों में 22 मार्च तक रुक-रुककर बारिश होने का अनुमान जताया गया है। कुछ क्षेत्रों में ओले गिरने की भी आशंका है, जिससे फसलों को और अधिक नुकसान हो सकता है। मौसम विभाग ने अनूपपुर, उमरिया, डिंडौरी, दमोह, कटनी, भिंड और दतिया जिलों में तेज आंधी के साथ भारी बारिश और ओलावृष्टि को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ऐसे में किसानों और आम नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, रविवार से विपरीत दिशाओं से चल रही हवाओं का सम्मिलन (Convergence) धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगेगा, जिससे प्रदेश में मौसम धीरे-धीरे साफ होने की संभावना है। जैसे ही बादल छटेंगे, दिन का तापमान एक बार फिर से बढ़ सकता है। हालांकि, अगले दो दिनों तक प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश और कहीं-कहीं ओलावृष्टि का सिलसिला जारी रह सकता है। इसके बाद मौसम में स्थिरता आने की उम्मीद जताई जा रही है।

कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को मौजूदा मौसम की स्थिति को देखते हुए सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि किसान फसलों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएं, ताकि नुकसान को कम किया जा सके। ओलावृष्टि और बारिश से बर्बाद हुई फसलों के सर्वे के लिए प्रशासन से जल्द से जल्द रिपोर्ट तैयार करने की मांग की जा रही है, जिससे प्रभावित किसानों को सरकार की ओर से समय पर मुआवजा मिल सके। साथ ही, किसानों को यह भी सलाह दी गई है कि वे फसलों की कटाई के लिए मौसम के अनुकूल समय का इंतजार करें और फसल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए भंडारण एवं कटाई के बाद के उचित प्रबंधन पर ध्यान दें।