MP Weather: मध्यप्रदेश में बदला मौसम का मिजाज, आज इन 14 जिलों में भारी बारिश की संभावना, बढ़ेगी कड़ाके की ठंड, IMD ने जारी किया अलर्ट

MP Weather: पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हवाओं का रुख बदलने के कारण प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिला है। हवाओं के साथ नमी आने के कारण अधिकांश शहरों में बादल छाने लगे हैं, जिससे कड़ाके की ठंड से कुछ राहत मिली है। इस बदलाव से तापमान में थोड़ी वृद्धि हो रही है, और लोग ठंड से निजात पा रहे हैं। हालांकि, मौसम में यह परिवर्तन कुछ दिनों तक जारी रह सकता है, जिसके बाद फिर से ठंडी हवाएं आ सकती हैं।

मौसम विज्ञानियों के अनुसार, रविवार को ग्वालियर, चंबल, सागर, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग के कुछ जिलों में वर्षा होने की संभावना है। इसके अलावा, शनिवार को प्रदेश में रात का सबसे कम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस शहडोल के कल्याणपुर में रिकॉर्ड किया गया। वहीं, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया और निवाड़ी जिलों में सुबह घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता में कमी आई और ठंड में इजाफा हुआ।

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ मध्य पाकिस्तान और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में स्थित है। इसके प्रभाव से पश्चिमी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात बन गया है, जो मौसम में बदलाव का कारण बन रहा है। इस प्रेरित चक्रवात से लेकर अरब सागर तक एक द्रोणिका बनी हुई है, जो नमी को खींचने का काम कर रही है। इसके साथ ही, उत्तर भारत के ऊपर जेट स्ट्रीम बना हुआ है, जो मौसम में और भी प्रभाव डाल सकता है, खासकर वर्षा और ठंड के मौसम में बदलाव की संभावना को बढ़ा सकता है।

अलग-अलग स्थानों पर बनी इन मौसम प्रणालियों के प्रभाव से निचले स्तर पर पूर्वी हवाएं और ऊपरी स्तर पर पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। इसका परिणाम यह हुआ है कि प्रदेश के अधिकांश जिलों में बादल छा गए हैं, जिससे मौसम में बदलाव आया है। इन हवाओं के मिलेजुले प्रभाव से बादल और नमी का संचार बढ़ा है, जिससे ठंड में कुछ राहत महसूस हो रही है, और मौसम में हल्का बदलाव हो सकता है।

रविवार को ग्वालियर, चंबल, सागर, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग के जिलों में वर्षा होने की संभावना है। सोमवार को भी मौसम का मिजाज इसी तरह बना रह सकता है, जिससे बारिश की गतिविधि जारी रह सकती है। इसके अलावा, 14 जनवरी को एक नए पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में आने की संभावना है, जो प्रदेश में और अधिक मौसम परिवर्तन ला सकता है, जैसे कि ठंड और बारिश में वृद्धि।