MP Weather: गर्मी से झुलसते मध्य प्रदेश को मानसून पूर्व बारिश ने कुछ राहत दी है, लेकिन साथ ही तेज आंधी और बिजली गिरने जैसी घटनाओं ने कई क्षेत्रों में संकट भी बढ़ाया है। प्रदेश के कई हिस्सों में बीते कई दिनों से लगातार मौसम बदला हुआ है – कभी गरज-चमक के साथ बारिश, तो कभी धूलभरी तेज हवाएं।
लगातार बदल रहा मौसम, 39 दिन से जारी है सिलसिला
राज्य में 26 अप्रैल से मौसम में उतार-चढ़ाव बना हुआ है और अब तक यह स्थिति 39वें दिन यानी 3 जून तक पहुंच चुकी है। राजधानी भोपाल, इंदौर और उज्जैन सहित 15 से ज्यादा जिलों में मंगलवार को भारी बारिश दर्ज की गई। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पूर्ण मानसून नहीं, बल्कि प्री-मानसून गतिविधि है, जो अभी कुछ दिन और चलेगी।
बारिश और तेज हवाओं का फिर अलर्ट
मौसम विभाग ने एक बार फिर कई जिलों में बारिश और तेज आंधी को लेकर चेतावनी जारी की है। ग्वालियर सहित 17 जिलों में बुधवार को 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना जताई गई है। वैज्ञानिकों के अनुसार, प्रदेश में लगातार सक्रिय हो रहे सिस्टम के कारण मौसम अस्थिर बना हुआ है।
किन जिलों में बरस सकते हैं बादल?
आईएमडी की ओर से जिन जिलों में बारिश की संभावना जताई गई है उनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सीधी, रीवा, कटनी, जबलपुर, शहडोल, सागर, मंदसौर, धार, देवास, रायसेन, बालाघाट, उमरिया, डिंडोरी, छतरपुर, गुना, छिंदवाड़ा और टीकमगढ़ शामिल हैं। इन जगहों पर तेज हवा के साथ पानी गिरने की आशंका है।
14 जिलों में बारिश, पचमढ़ी सबसे ठंडा
बीते 24 घंटों के दौरान भोपाल, इंदौर, नीमच, धार, मंदसौर, रायसेन, रीवा, मंडला, सागर, खरगोन, खजुराहो और उमरिया जैसे इलाकों में मध्यम से हल्की बारिश रिकॉर्ड की गई। पचमढ़ी का मौसम सबसे ठंडा रहा, जहां पारा 28.4 डिग्री तक पहुंच गया। इसके अलावा इंदौर में तापमान 31.3, उज्जैन में 31.5, ग्वालियर में 34.1, और जबलपुर में 36 डिग्री दर्ज किया गया।
मानसून की चाल अभी थमी हुई
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की सीनियर साइंटिस्ट डॉ. दिव्या सुरेंद्रन के अनुसार, मानसून अभी महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के आसपास ठहरा हुआ है। इसके मध्य प्रदेश में 10 जून के बाद प्रवेश करने की संभावना है। तब तक राज्य में प्री-मानसून बारिश और तेज हवाओं का असर बना रहेगा।