मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बार फिर खेलों को लेकर राज्य की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है। उन्होंने घोषणा की कि वर्ष 2028 में मध्यप्रदेश राष्ट्रीय खेलों (National Games) की मेजबानी करेगा। इस आयोजन के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार और भारतीय ओलंपिक संघ को प्रस्ताव भेजा है।
आयोजन जनवरी से मार्च 2028 के बीच प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि तैयारियों की शुरुआत अभी से सुनिश्चित की जाए ताकि यह आयोजन भव्य और यादगार बन सके।
एशियन रोइंग चैम्पियनशिप की तैयारियां तेज
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि 14 से 19 अक्टूबर 2025 के बीच एशियन रोइंग चैम्पियनशिप का आयोजन भोपाल के खानूगांव वॉटर स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर में होगा। इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में 22 से अधिक देशों के करीब 450 खिलाड़ी, 100 तकनीकी अधिकारी और 12 ज्यूरी सदस्य भाग लेंगे। डॉ. यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आयोजन स्थल को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित किया जाए, जिससे भोपाल तालाब की ब्रांडिंग हो और भविष्य में ओलंपिक 2036 जैसे आयोजनों की मेजबानी के लिए शहर की दावेदारी मजबूत हो।
जल पर्यटन और पारंपरिक खेलों को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जल पर्यटन को प्रोत्साहित करने की बात कही। उन्होंने निर्देश दिए कि भोपाल के छोटे-बड़े तालाबों में जल क्रीड़ाओं के लिए प्राकृतिक और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। इसके साथ ही ‘खेलो एमपी गेम्स’ में रस्साकशी, तीरंदाजी (इंडियन स्टाइल), शूटिंग बॉल और पिट्ठू जैसे पारंपरिक खेलों को शामिल किया जाएगा, ताकि स्थानीय संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा मिल सके।
ओंकारेश्वर और पचमढ़ी में होंगे ट्रेनिंग कैंप
खेलों को शिक्षा से जोड़ने के प्रयासों के तहत मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्कूल और कॉलेज स्तर पर खेलों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए। साथ ही ओंकारेश्वर और पचमढ़ी में साहसिक खेलों के ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे। अन्य जिलों में भी जल क्रीड़ा स्थलों की पहचान की जाएगी ताकि वॉटर स्पोर्ट्स और पर्यटन दोनों को बढ़ावा मिल सके।
युवाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण योजनाएं
प्रदेश में युवाओं को पुलिस और सेना भर्ती के लिए तैयार करने हेतु ‘पार्थ योजना’ की शुरुआत की गई है, जिसमें शारीरिक और लिखित परीक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही ‘एमपी युवा पोर्टल’ और ‘युवा प्रेरक योजना’ के माध्यम से भी युवा प्रतिभाओं को आगे लाने के प्रयास हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को शासकीय पदों पर नियुक्ति देने की योजना भी संचालित है।
मलखम्भ और जिम्नास्टिक को मिलेगी नई उड़ान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मलखम्भ और जिम्नास्टिक जैसे पारंपरिक लेकिन चुनौतीपूर्ण खेलों को विशेष रूप से प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की अकादमी स्थापित करने की बात कही है। इसके साथ ही प्रदेश में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खोलने के प्रयास भी तेज किए जा रहे हैं। निजी निवेशकों से प्रस्ताव आमंत्रित किए जा रहे हैं और भोपाल में स्पोर्ट्स कोचिंग के सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने की कार्यवाही चल रही है।
बन रहा है अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स
प्रदेश सरकार भोपाल के नाथू-बरखेड़ा क्षेत्र में करीब 985 करोड़ रुपए की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण करवा रही है। इस प्रोजेक्ट को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा – पहले चरण में एथलेटिक्स, फुटबॉल और हॉकी स्टेडियम, दूसरे चरण में मल्टीपर्पज इंडोर कॉम्प्लेक्स, ऑल वेदर स्विमिंग पूल और अन्य सुविधाएं और तीसरे चरण में क्रिकेट स्टेडियम और स्पोर्ट्स साइंस सेंटर शामिल होंगे।
खेल उपलब्धियों से बढ़ा प्रदेश का मान
प्रदेश के खिलाड़ी भी लगातार देश और दुनिया में नाम रोशन कर रहे हैं। हाल ही में देव मीणा ने पोल वॉल्ट में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है, जबकि समर दीप को एशियन चैम्पियनशिप 2025 (दक्षिण कोरिया) के लिए चुना गया है। मध्यप्रदेश की पुरुष हॉकी टीम ने झांसी में आयोजित नेशनल चैम्पियनशिप में फाइनल तक का सफर तय कर इतिहास रच दिया।