Neemuch News : मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने राज्य सेवा परीक्षा 2023 के अंतिम परिणाम घोषित कर दिए हैं। इन नतीजों में नीमच जिले के छोटे से गांव हरवार की पूजा जाट ने 7वीं रैंक हासिल कर डीएसपी का पद पाया है। उनकी यह सफलता उन सामाजिक और आर्थिक बाधाओं पर विजय की कहानी है, जो अक्सर लड़कियों को आगे बढ़ने से रोकती हैं।
पूजा की कहानी सिर्फ एक सफलता की दास्तां नहीं, बल्कि एक भाई के त्याग और बहन के दृढ़ संकल्प की मिसाल है। जिस समाज में कभी बेटियों को पढ़ाने पर ताने दिए जाते थे, आज वही समाज पूजा की मिसाल दे रहा है।
संघर्षों से भरा बचपन और परिवार का सहारा
पूजा का जन्म एक किसान परिवार में हुआ, जहाँ आर्थिक हालात बेहद कमजोर थे। उनके पिता नशे की लत से जूझ रहे थे, जिसके कारण परिवार चलाना मुश्किल था। हालात इतने बिगड़े कि पूजा की मां संतोष बाई को अपने बच्चों के साथ मायके राजस्थान जाना पड़ा। पूजा की शुरुआती पढ़ाई वहीं हुई।
कुछ समय बाद, मां बच्चों को लेकर वापस हरवार गांव लौट आईं। परिवार की जिम्मेदारी पूजा के बड़े भाई आनंद जाट ने संभाली। पिता ने भी नशा छोड़ दिया और पूरा परिवार खेती-किसानी पर निर्भर हो गया।
भाई ने दिन-रात एक कर बहन के सपने को सींचा
परिवार की छोटी सी खेती से होने वाली आय में से भाई आनंद हर साल 1 से 1.5 लाख रुपये पूजा की पढ़ाई के लिए अलग रखते थे। उन्होंने खुद भले ही पढ़ाई छोड़ दी, लेकिन बहन को अधिकारी बनाने की ठान ली थी। आनंद दिन-रात खेतों में मेहनत करते और जरूरत पड़ने पर कर्ज लेकर भी पूजा की इंदौर में पढ़ाई और रहने का खर्च उठाते रहे।
इस दौरान उन्हें सामाजिक आलोचना का भी सामना करना पड़ा। लोग कहते थे कि लड़की को इतना पढ़ाने से क्या होगा, शादी की उम्र निकल जाएगी। लेकिन आनंद ने इन बातों की परवाह न करते हुए अपनी बहन के सपनों को प्राथमिकता दी।
आठ साल का संघर्ष, पांचवें प्रयास में सफलता
पूजा ने इंदौर में रहकर आठ साल तक सिविल सेवाओं की तैयारी की। इस दौरान उन्हें कई बार असफलता का सामना करना पड़ा। वे कई बार प्रीलिम्स और मेंस परीक्षा तक पहुंचीं, लेकिन अंतिम चयन से चूक गईं।
हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और अपने पांचवें प्रयास में आखिरकार सफलता हासिल कर ली। MPPSC 2023 में 7वीं रैंक के साथ उनका चयन डीएसपी पद के लिए हुआ है।
“अगर भाई का त्याग न होता, तो मैं यहां तक कभी नहीं पहुंच पाती। उन्होंने दिन-रात मेहनत कर मेरे लिए हर मुश्किल आसान बना दी।” — पूजा जाट, DSP
पूजा की सफलता ने न केवल उनके परिवार का मान बढ़ाया है, बल्कि पूरे हरवार गांव और समाज के लिए एक प्रेरणा बन गई है। जो लोग कभी उनकी पढ़ाई पर सवाल उठाते थे, आज वही कहते हैं, “बेटी हो तो पूजा जैसी।”