MPPSC Recruitment Update: कंप्यूटर साइंस और एप्लीकेशन असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती रद्द, उच्च शिक्षा विभाग के आदेश के बाद लिया फैसला

MPPSC Recruitment Update: मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने असिस्टेंट प्रोफेसर कंप्यूटर साइंस 2024 और असिस्टेंट प्रोफेसर कंप्यूटर एप्लीकेशन 2024 की भर्ती को आधिकारिक तौर पर रद्द कर दिया है। यह निर्णय उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 28 अप्रैल 2025 को जारी निर्देश के बाद लिया गया है, जिसमें इन विषयों के लिए शैक्षणिक योग्यताओं में महत्वपूर्ण संशोधन किया गया था।

भर्ती विज्ञापन जारी हुआ था 30 दिसंबर को

MPPSC ने इन दोनों विषयों के लिए 30 दिसंबर 2024 को विज्ञापन जारी कर अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित किए थे। कई उम्मीदवारों ने समय रहते आवेदन प्रक्रिया पूरी भी कर ली थी। लेकिन अब नए शैक्षणिक मानदंडों के चलते आयोग को यह भर्ती पूरी तरह से रद्द करनी पड़ी है।

1 जून से मिलेगी फीस वापसी की सुविधा

आवेदन कर चुके उम्मीदवारों के लिए MPPSC ने राहत की बात यह कही है कि 1 जून से 15 जून 2025 तक वे आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर फीस वापसी के लिए आवेदन कर सकेंगे। यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी।

सुधार की बजाय रद्द की गई भर्ती, उठे सवाल

उम्मीदवारों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े जानकारों ने इस कदम पर नाराजगी जताई है। उनका मानना है कि जब एक बार आवेदन प्रक्रिया न्यायालय के आदेश के बाद शुरू हुई थी, और विभाग ने उसमें संशोधन लगभग 20 दिन बाद किया, तो आयोग को भर्ती रद्द करने के बजाय शुद्धि पत्र जारी कर आवेदन शर्तों में बदलाव करना चाहिए था। इससे योग्य और वंचित रह गए उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते थे।

क्या अन्य विषयों की भर्तियां भी होंगी रद्द?

इस फैसले के बाद एक और बड़ी चिंता यह है कि अगर अन्य विषयों में भी आरक्षण रोस्टर या शैक्षणिक योग्यताओं को लेकर विसंगतियां सामने आती हैं, तो क्या उन विषयों की भर्तियों पर भी खतरा मंडराएगा? फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस फैसले ने बाकी विषयों के उम्मीदवारों को भी असमंजस में डाल दिया है।

उम्मीदवारों की नाराजगी और मांग

बेरोजगार अभ्यर्थियों का कहना है कि भर्ती रद्द करना कोई समाधान नहीं है। आयोग को तकनीकी गड़बड़ियों को सुधारने का विकल्प अपनाना चाहिए था। इससे न केवल समय की बचत होती, बल्कि अभ्यर्थियों की मेहनत भी व्यर्थ नहीं जाती। अब उम्मीदवार इस फैसले के खिलाफ आयोग और सरकार से पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।