स्वतंत्र समय, भोपाल
देश में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बाद अब सांसद-विधायकों को भी पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को सैल्यूट ( salute ) करना होगा। डीजीपी कैलाश मकवाना ने इसके आदेश जारी कर कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि के साथ शिष्ट व्यवहार में कमी नहीं होनी चाहिए। इतना ही नहीं अगर सांसद और विधायक मिलने आएं तो पुलिस अफसरों को प्राथमिकता के आधार पर मुलाकात कर उनकी बात सुननी होगी। डीजीपी ने यह भी कहा है कि सांसदों, विधायकों द्वारा जब भी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों से मोबाइल या फोन पर जनसमस्या को लेकर संपर्क किया जाता है तो अधिकारी-कर्मचारी की जिम्मेदारी होगी कि संवाद के दौरान ध्यान से उनकी बात सुनेंगे और शिष्टता के साथ जवाब देंगे।
वदीर्धारी अधिकारी salute देकर करें अभिवादन
पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि जब कोई सांसद या विधायक किसी सरकारी कार्यक्रम या मुलाकात के लिए आएं, तो वदीर्धारी अधिकारी उन्हें सलामी ( salute ) देकर अभिवादन करें। जनप्रतिनिधियों द्वारा भेजे गए पत्रों का जवाब समय पर और अधिकारी के हस्ताक्षर के साथ भेजा जाए। यदि कोई सांसद या विधायक किसी अधिकारी से मिलने कार्यालय आएं, तो उनसे प्राथमिकता के साथ मुलाकात की जाए और उनकी बात का कानूनी तरीके से समाधान किया जाए। डीजीपी मकवाना ने कहा कि ये निर्देश पहले से जारी विभिन्न शासन परिपत्रों के अनुरूप हैं और इनका पालन हर स्तर पर सुनिश्चित किया जाए। यह कदम पुलिस और जनप्रतिनिधियों के बीच बेहतर संवाद और सहयोग की दिशा में अहम माना जाएगा।