Indore News : इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहे के काटने से दो नवजात बच्चों की मौत के मामले में बड़ी लापरवाही सामने आई है। जांच समिति ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया और एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक यादव को दोषी ठहराया है। यह जांच आयुष्मान भारत के सीईओ डॉ. योगेश भरसट की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने की थी, जिसकी रिपोर्ट 8 अक्टूबर 2025 को हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में प्रस्तुत की गई।
रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल में साफ-सफाई, पेस्ट और रोडेंट कंट्रोल की जिम्मेदारी डीन और अधीक्षक की थी। पेस्ट कंट्रोल कंपनी एजाइल पेस्ट कंट्रोल को काम का सत्यापन किए बिना ही करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया। जांच समिति ने पाया कि अस्पताल प्रशासन ने भुगतान से जुड़े दस्तावेज और नोटशीट्स बार-बार रिमाइंडर के बावजूद समिति को उपलब्ध नहीं कराए।
NICU की इंचार्ज सिस्टर कलावती भलावे ने 7 जनवरी 2025 को चूहों की बढ़ती समस्या को लेकर लिखित शिकायत की थी, लेकिन प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की। कंपनी के मैनेजर प्रदीप रघुवंशी ने भी स्वीकार किया कि पेस्ट कंट्रोल ठीक से नहीं हुआ था। दो बच्चों की मौत के बाद भी कंपनी ने फोन कॉल्स का जवाब नहीं दिया। समिति ने पाया कि यदि पहली घटना के बाद उचित कदम उठाए जाते तो दूसरी मौत रोकी जा सकती थी।
जांच रिपोर्ट में कहा गया कि वरिष्ठ डॉक्टरों ने भी समय पर बच्चों का परीक्षण नहीं किया और पूरा मामला रेजीडेंट डॉक्टरों पर छोड़ दिया गया। समिति ने निष्कर्ष दिया कि डीन और अधीक्षक दोनों अपने प्रशासनिक दायित्वों में विफल रहे और लापरवाही के बावजूद कंपनी को भुगतान जारी रहा।