दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर भाजपा नेता के वायरल हुए वीडियो को लेकर भाजपा नेता की रिहाई के बाद एक नया ट्विस्ट सामने आया है कि भाजपा नेता से टोल कर्मचारियों ने भाजपा नेता मनोहर धाकड़ से 1 लाख रुपए की मांग की थी। यहीं भाजपा नेता ने 20 हजार तो नकद दे दिए थे लेकिन 80 हजार रुपए ना देने पर टोल कर्मचारियों ने भाजपा नेता का वीडियो वायरल कर दिया। मंदसौर के चर्चित बीजेपी नेता मनोहर धाकड़ एक हाईवे वीडियो के कारण सुर्खियों में आ गए हैं। लेकिन अब इस वायरल वीडियो मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है, जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लग रहा।
दरअसल, 13 मई को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर मनोहर धाकड़ एक महिला के साथ आपत्तिजनक हालत में कैमरे में कैद हो गए थे। यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और 23 मई को मंदसौर के भानपुरा थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। 25 मई को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया, लेकिन जमानती धाराएं लगने के चलते अगले ही दिन उन्हें जमानत मिल गई।
एनएचएआई की बड़ी कार्रवाई
वीडियो के वायरल होते ही नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इस मामले को गंभीरता से लिया और जांच के बाद एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के तीन कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। एनएचएआई अधिकारी ने पुष्टि की कि कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई है और मामले की जांच जारी है।
वकील ने वीडियो की सत्यता पर उठाए सवाल
मनोहर धाकड़ के वकील संजय सोनी का कहना है कि इस पूरे मामले की नींव एक वायरल वीडियो पर रखी गई, जिसकी फॉरेंसिक जांच अब तक नहीं हुई है। उनका दावा है कि “AI के इस दौर में वीडियो को एडिट करना कोई बड़ी बात नहीं है। बिना जांच के किसी व्यक्ति की छवि धूमिल करना अन्याय है।”
जमानत के बाद नेता लापता!
जमानत के बाद से मनोहर धाकड़ कथित तौर पर गायब हैं, और उनका कोई ठिकाना नहीं मिला है। वहीं, उनके वकील ने मीडिया से बातचीत में दोहराया कि इस मामले में जल्दबाजी में कार्यवाही की गई और वीडियो की प्रमाणिकता साबित किए बिना मामला दर्ज कर लिया गया। फिलहाल मामला बेहद रोमांचक मोड़ पर आ खड़ा हुआ है और जनता की निगाहें अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।