भारतीय जनता पार्टी इस साल 4 राज्यों महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव तक जेपी नड्डा को अध्यक्ष बनाके रख सकती है। इन चुनावों में अभी 6 महीने हैं।
नड्डा अभी केंद्रीय मंत्री भी हैं, उनके दैनिक क्रियाकलाप के संचालन के लिए किसी महासचिव को कार्यकारी अध्यक्ष बना सकते हैं। सुनील बंसल व विनोद तावड़े को बना सकते हैं।
नड्डा का कार्यकाल इसी साल जनवरी में खत्म हो गया है। लोकसभा चुनाव के लिए जून तक विस्तार दिया गया था। जुलाई में पार्टी को नया अध्यक्ष बनाना था। लेकिन भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि नए अध्यक्ष के चुनाव से पहले संगठनात्मक चुनाव की जरूरत होती है। इसमें 6 महीने का वक़्त लगता है।
बाद में पूर्ण अध्यक्ष का जिम्मा कार्यकारी को संभव
सूत्रों का कहना है कि जिसे कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाएगी, भविष्य में उसे पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाया जा सकता है। चूंकि पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है।
इसलिए नया अध्यक्ष अक्टूबर-नवंबर 2025 के बिहार, 2026 के पश्चिम बंगाल और 2027 के उप्र विधानसभा चुनाव के लिए अपनी नई टीम पर्याप्त वक़्त रहते ना सकता है।
वहीं, 2028 में जब नए अध्यक्ष चुने जायेंगे तो 2029 के लोकसभा चुनाव के लिए उसे लगभग डेढ़ साल तक का समय तैयारियों के लिए दिया जाएगा।
कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के पीछे वजह
भाजपा के संविधान में एक व्यक्ति एक पद की व्यवस्था है, इसलिए केंद्रीय मंत्री रहते नड्डा पूर्ण रूप से राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं रह सकते। कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर पार्टी इस पहलू को सुलझा सकती है। 2019 के बाद भी भाजपा ने अमित शाह को अध्यक्ष बनाए रखा था। नड्डा कार्यकारी अध्यक्ष बने थे।