Nag Panchami 2025: खुल गए नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट, 24 घंटे चलेंगे दर्शन और विशेष पूजन, उज्जैन में उमड़ा आस्था का सैलाब

Nag Panchami 2025: नाग पंचमी के पावन अवसर पर उज्जैन एक बार फिर श्रद्धा, भक्ति और परंपरा में डूब गया। इस विशेष दिन पर महाकालेश्वर मंदिर के शीर्ष पर स्थित श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट रात ठीक 12 बजे खोले गए। यह वही अलौकिक मंदिर है जिसके दर्शन का सौभाग्य भक्तों को साल में केवल एक बार – नाग पंचमी के दिन – ही प्राप्त होता है। हजारों श्रद्धालु इस दुर्लभ दर्शन के लिए आधी रात से ही लाइन में लग गए थे। माना जाता है कि इस मंदिर में दर्शन मात्र से भक्तों को नाग दोष, कालसर्प योग जैसी बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

महंत ने किए पहले दर्शन, मंत्रोच्चार के बीच हुआ अभिषेक

पट खुलने के बाद सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनीतगिरी महाराज ने विधिविधान से त्रिकाल पूजन, अभिषेक और आरती की। इस शुभ अवसर पर राज्य सरकार के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, जल संसाधन मंत्री सम्पतिया उइके और कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हुए। आध्यात्मिक वातावरण में मंत्रों की गूंज और शिव भक्ति की भावना से पूरा परिसर दिव्य हो गया। मंगलवार दोपहर को अखाड़ा की ओर से एक और विशेष पूजन का आयोजन किया जाएगा और रात 12 बजे पुनः मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे।

अद्भुत प्रतिमा: शिव-पार्वती विराजमान हैं नाग के फन पर

श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर की प्रतिमा का इतिहास 11वीं शताब्दी से जुड़ा है। इस प्रतिमा में भगवान शिव-पार्वती फन फैलाए नाग के ऊपर विराजमान हैं। उनके साथ-साथ नंदी, सिंह और सप्तमुखी नाग की आकृतियाँ भी इस अद्भुत शिल्प में शामिल हैं। यह मूर्ति न केवल शिल्पकला का अनुपम उदाहरण है, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभूति का माध्यम भी है।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़, 10 लाख लोगों के आने का अनुमान

इस वर्ष प्रशासन को 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के उज्जैन पहुंचने की संभावना है। इसे ध्यान में रखते हुए 200 वरिष्ठ अधिकारी, 1800 से अधिक पुलिसकर्मी, और 2500 सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। 560 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों से संपूर्ण परिसर और रूट की निगरानी की जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था को इतना मजबूत किया गया है कि हर एक कोने पर प्रशासन की सक्रिय उपस्थिति नजर आती है।

दर्शन व्यवस्था को लेकर सटीक प्लानिंग, विशेष रूट तैयार

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दर्शन की लाइन चारधाम मंदिर से शुरू होती है और हरसिद्धि मंदिर चौराहा, बड़ा गणेश मंदिर होते हुए गेट नंबर 4 से प्रवेश मिलता है। यहां से विश्रामधाम तक श्रद्धालुओं को एयरो ब्रिज के माध्यम से नागचंद्रेश्वर मंदिर तक पहुंचाया जा रहा है। दर्शन के बाद वापसी उसी रूट से नीचे होकर होती है। महाकाल मंदिर में प्रवेश महाकाल लोक के नंदी द्वार से तय किया गया है, जहां से श्रद्धालु मानसरोवर भवन, टनल, कार्तिकेय मंडपम होते हुए महाकाल गर्भगृह तक पहुंच सकते हैं।

वाहनों के लिए बनाए गए विशेष पार्किंग और डायवर्जन प्लान

श्रद्धालुओं के वाहनों को लेकर शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से री-प्लान की गई है। 13 पार्किंग स्थल चिन्हित किए गए हैं, जिनमें दोपहिया और चारपहिया वाहनों के लिए अलग-अलग स्थान तय किए गए हैं। भारी वाहनों के लिए विशेष डायवर्जन योजना लागू की गई है ताकि यातायात बाधित न हो। शहर के हरिफाटक, शंकराचार्य, नरसिंह घाट, दानीगेट, और छत्री चौक जैसे क्षेत्रों को नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है, ताकि पैदल श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो।

नाग पंचमी पर उज्जैन बना अध्यात्म, अनुशासन और श्रद्धा का केंद्र

यह पूरा आयोजन उज्जैन को एक बार फिर आध्यात्म, अनुशासन और आस्था के संगम के रूप में प्रस्तुत करता है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे जारी दिशा-निर्देशों और रूट मैप का पालन करें ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न फैले। यदि आप उज्जैन दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो यह अनुभव न केवल धार्मिक होगा बल्कि संगठित भारत की एक सुंदर झलक भी दिखाएगा।