नैनार नागेन्द्रन बने तमिलनाडु BJP के नए अध्यक्ष, क्या 2026 में देंगे MK स्टालिन को कड़ी टक्कर?

तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 13वें राज्य अध्यक्ष के रूप में नैनार नागेन्द्रन की नियुक्ति ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। उनके नेतृत्व में बीजेपी के लिए दक्षिण भारत में एक नई दिशा दिखाने की उम्मीद जताई जा रही है। जानें उनके राजनीतिक सफर और पार्टी के लिए भविष्य के संघर्ष के बारे में…

बीजेपी की तमिलनाडु इकाई को मिलेगा नया नेतृत्व

नैनार नागेन्द्रन को बीजेपी की तमिलनाडु इकाई का अध्यक्ष चुन लिया गया है। यह नियुक्ति एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखी जा रही है, क्योंकि उन्हें राज्य में पार्टी का नेतृत्व करने का बड़ा अवसर मिलेगा। तमिलनाडु विधानसभा में बीजेपी के नेता और जयललिता सरकार के महत्वपूर्ण सदस्य रहे नागेन्द्रन को उनकी मजबूत जमीनी पकड़ के लिए जाना जाता है।

64 वर्षीय नैनार नागेन्द्रन का राजनीतिक करियर काफी समृद्ध रहा है। वह 2001 में पहली बार तमिलनाडु विधानसभा के लिए चुने गए थे और एआईएडीएमके के सदस्य के रूप में तिरुनेलवेली सीट से विधायक बने। जयललिता की सरकार में उन्हें कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार सौंपा गया, जिसमें परिवहन, उद्योग और बिजली विभाग शामिल थे। उनके कामकाज की सराहना की जाती रही है।

एआईएडीएमके से बीजेपी तक का सफर

नागेन्द्रन ने 2017 में एआईएडीएमके से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था। इसके बाद उन्होंने 2021 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में विजय प्राप्त की। इस जीत के साथ ही उन्हें पार्टी के विधानसभा में नेता का पद भी मिला। बीजेपी के लिए उनका यह कदम दक्षिण भारत में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना गया था।

लोकसभा चुनावों में मिली हार, लेकिन उम्मीदें बरकरार

नागेन्द्रन ने 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में रामानाथपुरम और तिरुनेलवेली सीट से अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बावजूद इसके, पार्टी और उनके समर्थक मानते हैं कि उनका अनुभव और संघर्ष भविष्य में तमिलनाडु में बीजेपी को विपक्षी पार्टी के तौर पर स्थापित करने में मदद करेगा।

अब जब नैनार नागेन्द्रन बीजेपी के अध्यक्ष बने हैं, उनकी सबसे बड़ी चुनौती तमिलनाडु में पार्टी का आधार मजबूत करना होगा। 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव में वह पार्टी को मजबूती देने की कोशिश करेंगे, ताकि एमके स्टालिन की सरकार को चुनौती दी जा सके। बीजेपी के लिए यह एक लंबा और कठिन सफर होगा, लेकिन नागेन्द्रन की जमीनी समझ और राजनीति में अनुभव को देखते हुए कई लोग उनसे उम्मीदें लगाए हुए हैं।

क्या 2026 में स्टालिन को मात देंगे?

अब सबकी नजरें 2026 के विधानसभा चुनाव पर हैं। क्या नागेन्द्रन अपने नेतृत्व में बीजेपी को तमिलनाडु में एक मजबूत विपक्षी पार्टी बना पाएंगे? क्या वह एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार को कड़ी चुनौती देंगे? इस सवाल का जवाब समय ही देगा, लेकिन एक बात तो तय है कि नैनार नागेन्द्रन की यह नई जिम्मेदारी राज्य की राजनीति में नए मोड़ का संकेत दे सकती है।