Nakbajani मामलाः राजस्थानी गृह मंत्रालय में सारी करतूत पहुंचाने की तैयारी

स्वतंत्र समय, मंदसौर

बड़ी ही तरकीब से शहर में जयपुर पुलिस की स्वर्णाभूषण व्यापारियों के यहां नकबजनी ( Nakbajani ) की चहलकदमी को दबाने का मामला अब दबे नहीं दब रहा है। एक ओर जहां शहर के कुछ हवाला करोबार स्व जुड़े बड़े डामिसो की करतूतें जबरदस्त चर्चाएं पकड़ रही है वहीं अब कुछ लोग इस मामले को राजस्थानी गृह मंत्रालय तक ले जाने का मूड बना चुके हैं। जिसमें हिम्मत की कीमत से लेकर गीता की अंजली, मामा-भांजा और भी बहुत कुछ शामिल हैं। इससे एक बात तो साफ है कि वास्तव में यदि ये मामला राजस्थानी गृह मंत्रालय पहुँचता है तो न सिर्फ बिना आरोपियों के लौटे जयपुरी अधिकारियों पर गाज गिरेगी वहीं मंदसौर में इस मामले में तमाम जोड़तोड़ बैठाने वाले भी काम में आ सकते हैं।

सोने की Nakbajani के मामले में दबिश दी थी

यहां यह उल्लेखनीय है कि 15 मार्च की शाम व रात के तीसरे पहर तक मंदसौर में कलश ज्वेर्ल्स, सिद्ध श्री ज्वेलर्स, स्वर्ण भूमि ज्वेलर्स आदि स्थानों पर जयपुर पुलिस ने एक बड़ी सोने की नकबजनी ( Nakbajani ) के मामले में दबिश दी थी, लेकिन किसी भी व्यापारी को वे साथ ले जाने में असमर्थ रहे। उल्टा व्यापारियों को पकडऩे की बजाय उनके करीबी हवाला व ज्वेर्ल्स व्यापारियों के चक्कर में जयपुर पुलिस का कालाखेत की तकरीबन हर गली, गौशाला मार्केट के सामने वाली होटल, हायर सेकेंडरी स्कूल के बाहर, पीजी कॉलेज के सामने, गुराडिय़ा बालाजी मंदिर के सामने और पिपलियामंडी बायपास पर टापे खाना चर्चा का विषय बना हुआ है। अपने आपको स्पेशल क्राइम ब्रांच बताने वाली इस जयपुरी पुलिस के हौसलों की बखिया तो उसी वक्त उधड़ गई थी जब कालाखेत स्थित सिद्ध श्री ज्वेर्ल्स का संचालक अनीश इनके सामने ही दौड़ लगा गया। इसी तरह घर पर ही होने के बावजूद कलश ज्वेलर्स का मालिक राजेश दुग्गड़ इस स्पेशल क्राइम ब्रांच को चकमा देता रहा। खैर जो भी हो लेकिन पुलिस तो पुलिस ही होती है यदि वो बिना किसी को साथ लिए यहाँ से रवाना हुई है तो इसके पीछे एक बड़ी पिक्चर सेट होना तय है और इस पिक्चर में क्या लेन देन हुआ। कौन इसका डायरेक्टर, प्रोड्यूसर है कौन मैन हीरो है और कौन-कौन फायनेंसर है सभी की एक पूरी फाइल मय सबूतों के राजस्थान सरकार के गृह मंत्रालय में जाने की तैयारी में है। बता दें कि भारतीय संविधान में चोरी करना, चोरी का माल खरीदना और चोरों को बचाना भी एक बड़ा अपराध है।

काला खेत में कौन सी कार भटकती है

सूत्र बता रहे हैं कि शहर के कालाखेत में आए दिन एक कार भटकती है, जिसकी डिक्की में बड़े पैमाने पर गोल्ड बिना किसी टेक्स आदि के एक बड़े कांच वाली दुकान पर पहुँचता है। इस काले काम में लगे बंदे कुछ ही समय मे अरबों की बेनामी संपत्ति के मालिक भी बन बैठे हैं। इनका किस्सा तो यह तक है कि इनने महादेव के दानपात्र से निकली एक रजिस्ट्री की भूमि को भी इधर से उधर कर दिया है। खैर भांजे को तो मामा ने किसी तरह बचा ही लिया लेकिन मामा को महादेव कभी क्षमा नहीं करेंगे।

मिर्च मसाला और मिलावट

इस पूरी पिक्चर में मैन हीरो का किरदार निभाने वाले कथित धर्मसेवी को भी मान गए वाकई उन्होंने यार की यारी निभाने के चक्कर में पूरी हिम्मत लगा दी और महू-नीमच राजमार्ग पर आड़ ततैया सिल्वर कार दौड़ाते हुए आखिरकार जयपुर पुलिस को किए वायदे को निभाया। इस बीच कुछ ट्रकों को भी जबरदस्त कटबाजी भी आप साहब ने की। खैर ये इनका लुक आउट है कि वे किस हद तक जाकर दोस्ती निभाएं, लेकिन मिर्च मसाले के कारोबार में मिलावट अच्छी नहीं क्योंकि उससे कई गरीब परिवार केंसर जैसी बीमारी के शिकार हो रहे हैं।