स्वतंत्र समय, भोपाल
जल संसाधन विभाग 52 प्रतिशत कम यानी बिलो रेट पर नर्मदा भवन ( Narmada Bhawan ) का मेंटेनेंस एक साल के लिए कराएगा। लोक निर्माण विभाग में तत्कालीन मुख्यमंत्री के एक रिश्तेदार को 54 प्रतिशत अधिक रेट पर सीहोर जिले में 8 करोड़ का ठेका दिया गया था। अब इससे लगता है कि सरकारी अफसरों ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी है। इस तरह 48 प्रतिशत राशि से ठेकेदार कितना काम करेगा और इसमें इंजीनियरों का भी कमीशन शामिल होगा?
Narmada Bhawan में काम के लिए टेंडर की दर 22.40 लाख थी
जल संसाधन विभाग ने निविदा सूचना क्रमांक 1075 तारीख 7 जुलाई 2024 को सिस्टम टेंडर न 2024-डब्ल्यूआरडी-355256 जारी की थी। इसके तहत प्रमुख अभियंता कार्यालय जल संसाधन नर्मदा भवन ( Narmada Bhawan ) में हाउसहोल्ड मैनेजर एवं अन्य कार्य कराए जाने थे। इसके लिए टेंडर की दर 22.40 लाख रुपए निर्धारित की गई थी। इसके लिए वित्तीय निविदा में न्यूनतम निविदाकार द्वारा 52 प्रतिशत बिलोव रेट यानी कम दर पर काम करने के लिए टेंडर डाला गया। यानी 22 लाख 40 हजार का काम ठेकेदार 10 लाख 75 हजार रुपए में करने को तैयार हो गया।
समिति ने रेट नजरअंदाज किए
इस मामले में अधीक्षण यंत्री (प्रोक्योरमेंट)स्तरीय समिति की बैठक 11 सितंबर 2024 को रखी गई और 52 प्रतिशत कम रेट डालने वाले मेसर्स गौरी इंटरप्राइजेस भोपाल को ठेका दे दिया गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि 50 फीसदी से भी कम राशि में ठेकेदार प्रमुख अभियंता कार्यालय में कैसे कार्य करेगा। जबकि निविदा शर्त के तहत अनुबंध के पूर्व ठेका राशि की 5 प्रतिशत परफार्मेंस सिक्योरिटी ठेकेदार से जमा कराई जाएगी। इस मामले में जल संसाधन विभाग के प्रभारी ईएनसी शिरीष मिश्रा ने कहा कि मेरे पास यह मामला आया नहीं है, मैं अभी इसको दिखवाता हूं। इसके बाद ही कुछ बता सकूंगा।