National Sports Bill के दायरे में आएगा BCCI? जानें इसका क्या असर होगा?

National Sports Bill:  भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI), जो दुनिया के सबसे धनी और प्रभावशाली खेल संगठनों में से एक है, अब जल्द ही नेशनल स्पोर्ट्स बिल 2025 के दायरे में आ सकता है। मंगलवार, 22 जुलाई को खेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ सूत्र ने पुष्टि की कि BCCI को इस बिल के तहत राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF) के रूप में मान्यता दी जाएगी। यह कदम भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़े बदलाव का संकेत देता है, खासकर तब जब भारतीय क्रिकेट टीमें 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में भाग लेने की तैयारी कर रही हैं।

National Sports Bill:  नेशनल स्पोर्ट्स बिल क्या है?

नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल 2025 का मसौदा मंगलवार को युवा मामले और खेल मंत्रालय ने जारी किया। इसका उद्देश्य भारत में खेल प्रशासन को पारदर्शी, खिलाड़ी-केंद्रित और वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है। यह बिल राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSFs) और अन्य खेल संगठनों के कामकाज में सुधार लाने के लिए बनाया गया है। इसका लक्ष्य नैतिक आचरण को बढ़ावा देना, खिलाड़ियों के अधिकारों की रक्षा करना और खेल क्षेत्र में एक पेशेवर व विवाद-मुक्त माहौल बनाना है।

यह बिल भारत को 2036 ओलंपिक जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी के लिए तैयार करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें ओलंपिक और पैरालंपिक चार्टर के साथ तालमेल सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है।

BCCI पर क्या होगा National Sports Bill का असर?

हालांकि BCCI सरकारी फंडिंग पर निर्भर नहीं है, लेकिन नेशनल स्पोर्ट्स बिल के तहत इसे NSF के रूप में मान्यता मिलने से यह खेल मंत्रालय के नियमों और दिशानिर्देशों के अधीन हो जाएगा। 2019 तक BCCI को NSF के रूप में मान्यता नहीं थी, और 2020 में इसे सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के दायरे में लाया गया था। अब, इस नए बिल के लागू होने के बाद, BCCI को खेल मंत्रालय के सभी नियमों का पालन करना होगा।
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या लोढा समिति की सिफारिशें, जैसे कि उम्र की सीमा और हितों के टकराव से संबंधित नियम, इस नए ढांचे में लागू रहेंगे। BCCI को अपनी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने पड़ सकते हैं।