स्वतंत्र समय, भोपाल
विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट 2022 पेश की गई। इसमें मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, संबल योजना, नल जल योजना सहित प्राकृति आपदा में बांटी गई राशि में भी घोटाला ( scam ) सामने आया है। कई योजनाओं में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार पर कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने कहा कि मप्र भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है।
सीएजी की रिपोर्ट में हुआ scam का खुलासा
सीएजी रिपोर्ट में मुख्यमंत्री अंत्येष्टि सहायता राशि में गड़बड़ी ( scam ) का खुलासा हुआ है। श्रमसेवा पोर्टल के डाटा के विश्लेषण में सामने आया कि 142 मामलों में जिन 52 खातों में 1.68 करोड़ की राशि जमा की गई, वह खाते पंजीकृत श्रमिकों के नहीं थे। विवाह सहायता के 86 मामलों में बिना पंजीकृत श्रमिकों के 41 बैंक खातों में 38.92 लाख की राशि की जमा की गई। 14 नगरीय निकाय में 34.07 प्रतिशत घर में अभी भी नल कनेक्शन नहीं है। पानी की गुणवत्ता की नियमित जांच नहीं की गई। उपभोक्ताओं के परिसर में पानी के मीटर नहीं लगाए। प्राकृतिक आपदा के तहत सरकार ने 2018-19 से 2022 तक 10 हजार 60 करोड़ की राशि बांटी, लेकिन चयनित 13 जिलों में यह राशि कर्मचारियों एवं उनके रिश्तेदारों सहित गलत ढंग से भुगतान करने की वजह से सरकार को 23.81 करोड़ की चपत लगी।
भोपाल में 322 करोड़ की जमीन पर कब्जा
वल्लभ भवन एवं कल्रेक्ट्रेट भोपाल के समीप तीन इलाकों में, 10 सर्वे नंबरों वाली 37.69 हेक्टेयर शासकीय भूमि पर ऌाुÞग्गीवासियों ने अस्थायी शिविर एवं मकान बनाकर अतिक्रमण कर लिया था। कार्रवाई शुरू नहीं करने और दंड नहीं लगाने के कारण 322 करोड़ के बाजार मूल्य की शासकीय भूमि पर अनाधिकृत कब्जा हो गया और सरकार इसे आज तक मुक्त नहीं करा पाई।
कहां क्या-क्या मिली गड़बडिय़ां…
- खंडवा जिले के सभी तहसीलदारों ने अतिवृष्टि के कारण 105 सहकारी समितियों को 164.31 करोड़ का भुगतान किया। इन समितियों ने किसानों की पहचान किए बिना ही 8.28 करोड़ का विसंगतिपूर्ण और 4.93 करोड़ की अनियमितता की।
- भोपाल की हुजूर तहसील में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन बेंगलुरु को बाजार मूल्य के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए 20.234 हेक्टेयर जमीन गलत ढंग से आवंटित करने की वजह से सरकार को 65.05 करोड़ का नुकसान हुआ।
- कलेक्टर धार ने आईएचबीएल इंदौर को भूमि आवंटन के एक प्रकरण में बदनावर तहसील की ग्राम पंचायत इंद्रावल में आवंटित 3.750 हेक्टेयर भूमि पर निर्धारित प्रीमियम एवं पट्टा किराया पर पंचायत उपकर नहीं लगाने की वजह से 70.13 लाख रुपए की चपत लगी।
- इंदौर के ग्राम बड़ा बांगड़दा में एक चैरिटेबल ट्रस्ट को शून्य प्रीमियम एवं एक रुपए वार्षिक पट्टा किराए पर शासकीय भूमि के आंवटन के कारण 4.19 करोड़ के प्रीमियम और 4.13 लाख रुपए प्रति वर्ष के वार्षिक पट्टा किराए की हानि सरकार को हुई।
- भारतीय विमानन पत्तन प्राधिकरण (एएआई) को शून्य प्रीमियम एवं एक रुपए वार्षिक पट्टा किराए पर भूमि आंवटन की वजह से सरकार को 26.64 करोड़ की राजस्व हानि हुई।
- स्वामी विवेकानंद तकनीकी संस्थान को शून्य प्रीमियम एवं एक रुपए वार्षिक पट्टा किराए पर शासकीय भूमि के आवंटन की वजह से 12.94 लाख प्रीमियम एवं वार्षिक पट्टा किराया में 25 हजार 889 रुपए हर साल की वसूली नहीं हुई।
- चयनित 8 जिलों की 23 तहसीलों में 2,371 प्रकरणों अवैध कब्जे वाले मामले की जांच से पता चला कि संबंधित तहसीलदारों ने 2,364 प्रकरणों में अर्थदंड अधिरोपित करते हुए बेदखली के आदेश जारी किए थे, लेकिन 1,037 प्रकरणों में 38.74 लाख रुपए की वसूली नहीं की गई थी। अनाधिकृत कब्जा जारी रहने के कारण सरकार को 71.68 करोड़ की हानि हुई।
- मुख्यमंत्री संबल योजना में श्रमिकों के पंजीकरण के लिए गलत प्रक्रिया अपनाई और भौतिक सत्यापन के दौरान 2.18 करोड़ पंजीकृत श्रमिकों में से 67.48 लाख को विभिन्न कारणों जैसे ढाई एकड़ से अधिक जमीन, सरकारी सेवा में कार्यरत और करदाता होने के बाद भी 67.48 लाख असंगठित श्रमिकों में से 14.34 लाख के अपात्र होने पर उन्हें लाभ दिया गया। इससे सरकार को करोड़ों की चपत लगी।
- संबल योजना में ही 86 प्रकरणों में एक करोड़ 72 लाख की अधिक सहायता भुगतान किया। विभाग मृत व्यक्तियों के उत्तराधिकारियों से 54 लाख की वसूली नहीं कर सका। वहीं, मृत श्रमिकों के उत्तराधिकारियों को 2.20 करोड़ की अंत्येष्टि सहायता का भुगतान नहीं किया गया।
- मप्र स्टेट वेयरहाउसिंग को 25.620 हेक्टेयर भूमि के आवंटन पर कलेक्टर शहडोल एवं सिंगरौली के 9 प्रकरणों में निधार्रित दरों पर प्रीमियम, वार्षिक पट्टा किराया एवं पंचायत उपकर की राशि नहीं लगाने की वजह से 4.20 करोड़ की राजस्व हानि हुई।